केंद्र की योजनाओं से मध्य प्रदेश के गरीब के घर में खुशहाली पहुंचाने का सीधा रास्ता दिखाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश की समृद्धि से भारत की वैश्विक पहचान के समीकरण को भी समझा दिया। जैसा कि सियासी गलियारों में पिछले कई महीनों से महसूस किया जा रहा है कि भाजपा ने प्रादेशिक चेहरों के बजाए मोदी और भाजपा सरकारों के विकास पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है, तो इसकी झलक भरे मंच पर भी देखने को मिली।  पिछली कई सभाओं की तरह प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश सरकार या शिवराज सिंह चौहान की उतनी प्रशंसा नहीं की, बल्कि भाजपा को विकास का पर्याय बताते हुए 'एमपी के मन में है मोदी और मोदी के मन में है एमपी' को ही स्थापित किया। 

दरअसल, मोदी की लोकप्रियता युवाओं और महिलाओं के बीच जबरदस्त है। वहीं, गरीब, किसान और पिछड़े वर्ग का भी मोदी पर भरोसा बढ़ा है। चूंकि, मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की संख्या भी मायने रखती है, ऐसे में मोदी ने इन आंकड़ों के इर्द-गिर्द ही बात की।

 

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