ग्राम के चौमुखी विकास में स्थानीय जन की सक्रिय भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका है - दिनेश उमरैया
मप्र जन अभियान परिषद टीकमगढ़ में समृद्धि योजनांतर्गत 2 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र ठोंगा में वरिष्ठ समाजसेवी रवि सक्सेना, जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक दिनेश कुमार उमरैया, जिला समन्वयक डॉ सुनील कटियार और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन टीकमगढ़ के डी पी एम देवेन्द्र श्रीवास्तव की उपस्तिथि में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
अतिथि स्वागत पश्चात स्वागत उद्बोधन में जिला समन्वयक डॉ सुनील कटियार ने प्रशिक्षण की रूपरेखा और परिषद की योजनाओं के विषय अवगत करवाते हुए प्रशिक्षण को आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं शिक्षाविद् श्री रवि सक्सेना ने कहा कि प्राचीन समय से ही किसी भी कार्य को करने के लिए समाज सामूहिक रूप से मिल जुलकर कार्य करता आया था। युवा वर्ग सदैव उनके कार्यों का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ते हैं। सामूहिकता समाज के विकास की धुरी है। आज का युवा समाज का चौमुखी विकास करने में महत्त्व पूर्ण भूमिका में निरन्तर लगा हुआ है।
इस अवसर पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन डी पी एम देवेन्द्र श्रीवास्तव ने स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित और आजीविका से जुड़े विचारों की जानकारी दी।
जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ जिला समन्वयक सोशल ऑडिट श्री कपिल जैन ने जन सहभागिता, अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समाजिक अंकेक्षण की रिपोर्ट के संबन्ध में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने कहा कि सरकार की समस्त योजनाओं का पारदर्शिता के साथ तीन स्तर पर कार्य एवं दस्तावेजों का भौतिकी परीक्षण करने के बाद ग्राम सभा में जनता के बीच रखा जाता है। समाजिक अंकेक्षण करने के पूर्व समुदाय से ही अध्यक्ष का चयन किया जाता है। उसी अध्यक्ष की अध्यक्षता में अब ग्राम सभा में गांव के लोग ही दस्तावेजों का समाजिक अंकेक्षण करते है। जो भी कमी होती है तो उसकी जवाबदेही सरपंच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक या निर्माण एजेंसी की होती है कि उसकी जानकारी ग्राम वासियों को बताएंगे,उसका करवाई रजिस्टर में वी एस ए लिख कर प्रतिवेदन तैयार किया जाता है।
संभाग समन्वयक दिनेश कुमार उमरैया ने कहा कि सभी नवांकुर समितियों को अपने-अपने सेक्टर में नर्सरी और 1 संस्कार केंद्र/ सूचना केंद्र की स्थापना करना है। जिससे ग्राम के बच्चों को महापुरूषों के संबन्ध में विस्तार से जानकारी मिल सके। साथ ही स्थानीय स्तर पर अपने अपने सेक्टर के गांवो को प्रस्फुटन समितियों के माध्यम से स्वावलंबी बनाने का प्रयास करना है, हर गांव में एक स्थान ऐसा चयन करें जिसको हरा भरा बना सके, इसके लिये प्रस्फुटन वाटिका,नर्सरी तैयार करना है । जिसमें पौधारोपण कर सकते है। सभी नवांकुर संस्थाएं अपने अपने सेक्टर में शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि नवांकुर संस्थाएं 12 जनवरी को अपने अपने सेक्टर में 1 जन सूचना केंद्र/वाचनालय का शुभारंभ करेंगी इसकी तैयारी शुरू कर दें, पुस्तक के माध्यम से लोग ज्ञान प्राप्त कर सके इसके लिये वाचनालय का संचालन शुरू करना है साथ ही एक स्वावलंबन का केंद्र हमे खड़ा करना है। इस प्रकार का कार्य स्वावलंबन के तौर पर शुरू करना। सेक्टर में संचालित गोशालाओ में कार्यक्रम करना शुरू करे और 1 नवांकुर समिति 1 गोशाला को गोद ले और आदर्श गांव की परिकल्पना को साकार करें। क्योंकि किसी भी ग्राम के चौमुखी विकास में स्थानीय जन की सक्रिय भागीदारी होती है उसे बढ़ाने में नवांकुर संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है जो आपको उनके नैतिक जिम्मेदारी के रूप में करना चाहिए।
आज श्री उमरैया ने संस्थाओं को परियोजना प्रस्ताव, वार्षिक कार्ययोजना, गतिविधि कैलेंडर, बजट कर संबध में भी बिंदुवार पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी देते हुए परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के संबध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।
परिषद के mis पोर्टल पर गतिविधि कैसे अपलोड की जाए,साथ की समय समय पर प्रविष्ट की जाने वाली जानकारी किस तरह फीड की जाए इस संबध में पीपीटी और सीधे पोर्टल में जानकारी भरने की जानकारी के सम्बद्ध में बीसी पलेरा श्री राजकुमार जैन ने प्रस्तुतिकरण किया। आज प्रशिक्षण के प्रथम दिवस में 28 स्वयंसेवी संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य अतिथि, प्रशिक्षक एवं परिषद के संभाग, जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारी भी सम्मिलित रहें।
कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक समन्वयक राजकुमार जैन ने किया। ब्लॉक समन्वयक राजकुमार पाठक ने आज के सत्रों का आभार व्यक्त किया। भोजन एवं बैठक व्यवस्था बीसी बल्देवगढ़ श्री ललित शर्मा ने सहयोग किया।
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