एकात्म मानव दर्शन की परिकल्पना राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिपेक्ष को ध्यान में रखकर दी गई
शासकीय कला और वाणिज्य (नवीन) महाविद्यालय, भोपाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर व्याख्यान माला आयोजित की गई । मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद जिला भोपाल के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री अरुषेंद्र शर्मा, चिंतक व विचारक, राष्ट्रीय परिषद सदस्य - पूर्व क्षेत्र सहसंयोजक (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़) एवं श्रीमति कोकिला चतुर्वेदी जिला समन्वयक की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम में सर्वप्रथम भारत माता और पंडित दीनदयाल जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । इसके तत्पश्चात श्रीमति कोकिला जी द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य और उपयोगिता के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए सभी को बताया कि मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद की वार्षिक कार्य योजना अनुसार निर्धारित महत्वपूर्ण दिवसों एवं जयंती पर व्याख्यान माला आयोजित की जाती है । इसी तारतम्य में आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है । मुख्य वक्ता श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में विस्तार से पंडित दीनदयाल जी के बारे सभी को बताते हुए कहा कि भारत में राजनीतिक सुचिता के लिए दीनदयाल जी जाने जाते हैं । राजनीति समाज सेवा का ही एक रूप है । साम्यवाद और पूंजीवाद के दौर में दीनदयाल जी ने एकात्म मानववाद और अंत्योदय की एक नई अवधारणा दी । भारतीय दर्शन को मूल में रखकर एकात्म मानव दर्शन की परिकल्पना राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिपेक्ष को ध्यान में रखकर दी गई । सभी जीव एक ही परमात्मा की संतान है । हमारे यहां परस्पर निर्भरता की कल्पना की गई । परस्पर निर्भरता से ही समाज का निर्माण होता है। हमारे गुणधर्म अलग हैं लेकिन हम सभी एक ही परमात्मा की संतान है । यही एकात्म मानव दर्शन है ।
कार्यक्रम में विकासखंड समन्वयक सुश्री टीना शर्मा, विकासखण्ड समन्वयक बैरसिया श्री मुकेश गौर सहित सभी नवांकुर, प्रस्फुटन सदस्य, मेंटर्स और बड़ी संख्या में सीएमसीएलडीपी छात्र ,नवांकुर संस्था ,प्रस्फुटन प्रतिनिधि सम्मिलित हुए । अंत में विकासखंड समन्वयक श्री नन्द किशोर मालवीय ने सभी का आभार जताया ।