गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की कुंजी है ध्यान- रविचंद्रन
औबेदुल्लागंज। मनुष्य अपने आंतरिक विकार को दूर कर सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभा सकता है। आदिकाल से ही ध्यान क्रिया मनुष्य के विकास में अहम भूमिका निभाती रही है,ध्यान के माध्यम से आंतरिक शक्ति को जगाकर सामाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर वैदिक आत्मनिर्भर पद्वति को विकसित किया जा सकता हैं । यह बात जन अभियान परिषद एवं हार्टफुलनेस संस्था की ओर से चलाए जा रहे"हर दिल ध्यान हर दिन ध्यान" प्रशिक्षण के दौरान चैन्नई से पहुंचे ध्यान ट्रेनर रविचंद्रन ने कही। इस दौरान 10 ग्रामों के नागरिकों को ध्यान क्रिया करवाई गई,साथ उन्हे ग्राम में ध्यान को निरंतर रखने प्रेरित किया गया। इस अवसर पर चैन्नई से महालक्ष्मी ,भाेपाल से पीएस श्रीवास्तव एवं ब्लाक समन्वयक निशा बहेकार नवांकुर के हरनाम सिंह , ग्राम के सरपंच एवं समिति के सुरेश एवं अन्य समिति सदस्य एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मालूम हो की अवकासखण्ड की सभी पंचायतों में ध्यान कराने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 25 से अधिक नगरीय क्षेत्र मिलाकर ग्रामों में ध्यान कराया जा चुका है।