ऋग्वेद का  ‘संगच्छध्वम् संवदध्वम्‘  मंत्र सदियों से हमें साथ चलने, साथ बढने की प्रेरणा देता है। यही भाव लोकतंत्र का है और जन अभियान परिषद् अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत इसे जमीन पर उतारने का प्रयास कर रहा है। विगत दिवस प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅमोहन यादव ने मप्र जन अभियान परिषद के कार्यों को लेकर समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान परिषद के अमले का उपयोग आदर्श ग्रामों के निर्माण एवं कृषि क्षेत्र में सामुदायिक कृषि एवं व्यापार जैसे विषयों को लाकर एक नई दिशा देने के निर्देश दिये।

इन नवीन प्रकल्पों का होगा प्रस्फुटन

देश इस वक्त विकसित भारत के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक नवीन विजन पर कार्य कर रहा है। हालांकि विकसित भारत के निर्माण हेतु देश में जमीनी स्वैच्छिक संगठनों की इजेबीलिटी का विकास आवश्यक है, किंतु मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां सामुदायिक विकास को लेकर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। मप्र सरकार योजना साख्यिकी विभाग के उपक्रम मप्र जन अभियान परिषद के माध्यम से जमीनी नेतृत्व कौशल तैयार कर रही है। इसी बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा , एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने परिषद में ग्राम विकास के कई प्रकल्पों का शामिल करने की बात कही है।

1 आदर्श ग्राम का निर्माण एवं सामुदायिक भागीदारी

2 अंतरराज्यी परियोजनाओं का प्रदेश के संबंधित क्षेत्र में स्वैच्छिक संगठनों के साथ मिलकर क्रियान्वयन

3 कृषि पशुपालन एवं पर्यावरण जैसे गंभीर विषयों में समुदाय की सहभागिता

4 हैरिटैज एवं रूरल टूरिज्म के क्षेत्र में र्गेरसरकारी संगठनों को जोड़कर ग्रामजनों की सहभागिता।  जन सेवा के अछूते क्षेत्रों में भी कार्य की पहल  

परिषद द्वारा आदर्श ग्रामों के विकास के लिए पंचायतों को प्रोत्साहित करने का कार्य निरंतर किया जाए। हैरीटेज एवं रूरल टूरिज्म के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और ग्रामों में जन सहयोग जुटाने का कार्य किया जाए। इसी तरह किसानों के बीच जाकर जीरो बजट पर खेती, पशुओं की नस्ल सुधार, गांव के मसले गांव में ही हल किए जाने के साथ ही, जिन ग्रामों में कोई विवाद नहीं है उन ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने का कार्य भी करना है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जन अभियान परिषद जन सेवा के अछूते क्षेत्रों में भी कार्य की पहल करे। उदाहरण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाओं को देखते हुए पंचायत स्तर पर ऐसे विशेषज्ञ प्रशिक्षित किए जाएं जो सर्प की प्रजातियां पहचानने, उन्हें पकड़ने और वन क्षेत्र में उन्हें छोड़ने के दायित्व को पूरा करें। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जन-जागरूकता बढ़ाने का कार्य निरंतर चलना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल-गंगा संवर्धन अभियान की तरह अन्य समाजोपयोगी अभियानों के संचालन में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। ग्रामीणों को प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए शिक्षित एवं जागरूक बनाने का कार्य भी रचनात्मक प्रयासों में शामिल हो। बैठक में परिषद की ओर से सम्पन्न गतिविधियों की जानकारी प्रजेंटेशन द्वारा दी गई।

पाठ्यक्रम पुस्तिकाओं का किया गया विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव, उप-मुख्यमंत्री श्री देवडा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री पटेल ने विभिन्न पाठ्यक्रम पुस्तिकाओं का संयुक्त रूप से विमोचन किया। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट की ओर से समाज कार्य स्नातक पाठ्यक्रम (बीएसडब्ल्यू) प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम का विमोचन किया गया। विभिन्न आठ पुस्तिकाओं में समाज कार्य का परिचय, पर्यावरण अध्ययन, हिंदी भाषा, प्रवेश विवरणिका, अंग्रेजी भाषा और भारतीय संस्कृति, समाज कार्य एवं अन्य अवधारणाएं, योग एवं ध्यान, विकास की अवधारणा एवं क्रियान्वयन शामिल है। इसके साथ ही समाज कार्य परास्नातक पाठ्यक्रम (एमएसडब्ल्यू) औद्योगिक संगठनों में समाज कार्य, मानव संसाधन प्रबंधन, हिंदी भाषा और संस्कृति, सामुदायिक संगठन एवं सामाजिक क्रिया पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। बैठक में भूमिहीन की आवाज और कृषि, श्रम की सामाजिक आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला और म.प्र. जन अभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेंद्र कुमार पांडे उपस्थित थे।


 

 

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