शिक्षा के मंदिर से विकास की जोत जलाने की पहल कर रहीं मंडला कलेक्टर
शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा,
इसलिए समाज को सबसे पहले शिक्षत बनाएं----
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने मंडला विकासखंड के ग्राम नरेन्द्रगढ में संचालित महिला ज्ञानालय का अवलोकन किया। उन्होंने नवसाक्षरों से आत्मीय चर्चा करते हुए उन्हें आगे भी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया। श्रीमती सिंह ने कहा कि शिक्षा से व्यक्तित्व के विकास के साथ-साथ जीवनस्तर में भी सुधार होता है। इस दौरान उन्होंने ’निरक्षरता से आजादी अभियान’ के तहत साक्षर हुई महिलाओं से उनके अनुभव पूछे। महिलाओं ने बताया कि वे पहले पढ़ना-लिखना नहीं जानती थी, किन्तु महिला ज्ञानालय के माध्यम से उन्होंने लिखना-पढ़ना सीख लिया है जिससे अब उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, वे निरंतर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। कलेक्टर ने कहा कि नवसाक्षर महिलाओं को शब्दों से वाक्यों का भी ज्ञान कराएं। साथ ही वित्तीय साक्षरता पर भी ध्यान दें। कलेक्टर ने अक्षरसाथी ममता कुड़ापे द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। अवलोकन के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्वेता तड़वे, जिला शिक्षा केन्द्र के सहायक परियोजना समन्वयक हीरेन्द्र वर्मा एवं के.के. उपाध्याय सहित संबंधित उपस्थित रहे।
ग्राम नरेन्द्रगढ़ में कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ग्रामीणों से शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने मध्यान्ह भोजन, पोषण आहार, किसान क्रेडिट कार्ड, उपार्जन पंजीयन, खाद्यान्न वितरण आदि के संबंध में जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा नहर का विषय संज्ञान में लाए जाने पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि तत्काल नहर की सफाई कार्य प्रारंभ करें। इसी प्रकार उन्होंने ग्राम में पेयजल की उपलब्धता तथा पहुंचमार्ग के संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।