बुन्देलखण्ड की जल संचयन परम्परा जग विख्यात है -मोहन नागर
म.प्र. जन अभियान परिषद की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर एवं परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय की गरिमामय उपस्थिति में आज कमिश्नर कार्यालय के सभा कक्ष में संपन्न हुई।
बैठक में परिषद के संभाग समन्वयक, जिला समन्वयक एवं विकासखण्ड समन्वयकों के साथ सागर जिले की नवांकुर संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सहभागिता की। उपाध्यक्ष श्री नागर द्वारा स्थानीय सर्किट हाउस में एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत पौधारोपण भी किया गया।
इस अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर ने कहा कि सागर का शैक्षिक, सांस्कृतिक महत्व रहा है। बुन्देलखण्ड की जल संचयन परम्परा जग विख्यात है। परिषद प्रयासों का लक्ष्य समाज के साथ मिल कर यहां की समस्याओं का युगानुकूल निदान करना है। हमे गांव गांव में लोगों के साथ मिलकर उनके परम्परागत ज्ञान से समस्याओं का निदान खोजने का हुनर विकसित करना होगा। तभी समस्या समाधान के हमारे प्रयास सफल और प्रभावी होंगे।
परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ्. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि हमे अपने प्रयासों की निरंतरता को बनाये रखना है तभी वांछित परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होने प्रयासों की वैज्ञानिकता और प्रबंधकीय कुशलता पर भी बल दिया। नवांकुर संस्थाओं से उन्होंने अपने क्षेत्र में एक उल्लेखनीय दर्शनीय कार्य को धरातल पर उतारने के लिए संकल्पित होने का निर्देश दिया।
बैठक से पूर्व अधिकारी द्वय ने नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ कमिश्नर कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया। बैठक का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन, प्रेरणा गीत और अतिथियों के स्वागत से हुआ। पावर पॉईंट प्रस्तुतियों के माध्यम से संभाग और जिले के प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये। अतिथियों को अवसर की स्मृतियों को स्थाई बनाने के लिए प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये। सागर जिले की 55 नवांकुर समितियों के पदाधिकारियों ने भी अपना परिचय एवं उपलब्धियां प्रस्तुत की।
संयोजन सागर संभाग समन्वयक श्री दिनेश कुमार उमरैया ने किया इस अवसर पर परिषद के निदेशक सेल प्रो. वीरेन्द्र कुमार व्यास और सलाहकार श्री अतुल निझावन एवं जिला समन्वयक श्री के.के. मिश्रा द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सागर संभाग के समस्त जिला समन्वयक, विकासखण्ड समन्वयक उपस्थित रहे।