आरएसएस ( RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) ने 'सहजीवन व्याख्यानमाला' में यह कहा कि भारत को एक सद्भावना का आदर्श बनाना चाहिए। उन्होंने मंदिर और मस्जिद के ताजातरीन विवादों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि कुछ लोग इन मुद्दों का राजनीतिक लाभ उठाकर खुद को "हिंदुओं का नेता" साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने भारतीय समाज की विविधता पर जोर देते हुए सभी को कानूनों और नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।

न्यूज़ सोर्स :