ओडिशा की आदिवासी किसान रायमती घुरिया को प्यार से "क्वीन ऑफ मिलेट" कहा जाता है। उन्होंने धान की 72 और मिलेट की 30 दुर्लभ किस्मों को संरक्षित किया है। रायमती, पद्म श्री विजेता कमला पुजारी से प्रेरित होकर मिलेट की खेती और संरक्षण कर रही हैं। 16 साल की उम्र में शादी के बाद भी उन्होंने खेती से नाता नहीं तोड़ा। रायमती ने अब तक 2,500 से ज्यादा किसानों और महिलाओं को मिलेट की खेती और मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी है। उनके प्रयासों से आज वे गांव से निकलकर दिल्ली के जी20 शिखर सम्मेलन तक पहुंची हैं।.

ओडिशा के कोरापुट जिले के एक किसान परिवार से आने वाली रायमती, हमेशा से पद्म श्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी से प्रेरित थीं। रायमती ने उन्हीं से फसलों को संरक्षित करने के तरीके सीखे थे। रायमती कहती हैं, “मुझे स्कूल की कोई भी शिक्षा याद नहीं है, मैं केवल मिलेट का संरक्षण और उगाना जानती हूं, जो मैंने खेतों पर सीखा था।” 

धीरे-धीरे उन्होंने गांव की महिलाओं को ट्रैनिंग देना शुरू किया। वह अब तक लगभग 2,500 किसानों को मिलेट की खेती का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। रायमती ने न सिर्फ इसकी खेती पर जोर दिया, बल्कि महिलाओं को मिलेट का इस्तेमाल करके पकोड़े और लड्डू जैसे मूल्यवर्धित उत्पाद बनाकर स्थानीय बाजार में बेचने के लिए भी प्रेरित किया।  

उन्होंने इस काम के लिए अपने गाँव में एक फार्म स्कूल भी बनवाया है। यह रायमती के प्रयास ही है, जिसके कारण आज वह अपने गांव से निकलकर नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन तक पहुंच गईं।  रायमती और उनके प्रयास देश में खेती के भविष्य को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ, युवाओं को भी प्रेरणा दे रहे हैं।  

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