हर साल फसल तैयार होने के बाद किसानों के सामने फसल प्रबंधन की समस्या आती है। ऐसे में हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, किसानों की मदद के लिए आगे आया है और उन्हें सब्सिडी पर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध करा जा रहा है।

चलिए जानते हैं कि कौन-कौन से कृषि यंत्र आप अनुदान पर ले सकते हैं। किस वर्ग के लोग इसका लाभ ले सकते हैं और क्या है आवेदन के नियम।

             दो तरह के हैं विकल्प व्यक्तिगत श्रेणी - व्यक्तिगत श्रेणी में कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है। लाभार्थियों का चयन संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा। चयन के बाद किसान पंजीकृत कृषि यंत्र निर्माताओं से मोल-भाव कर कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। अनुदान राशि केवल प्रोजेक्ट कीमत में शामिल मशीनों पर उपलब्ध होगी। फसल अवशेष व पराली सप्लाई चेन- एक करोड़ के प्रोजेक्ट कीमत के लिए 3,000 मीट्रिक टन और 1.5 करोड़ के प्रोजेक्ट कीमत के लिए 4,500 मीट्रिक पैडी स्ट्रा का प्रावधान एक सीजन में करना होगा। प्रोजेक्ट कीमत के लिए 2 तरह के विकल्प होगें। पहला किसान, किसान समूह ग्रामीण उद्यमी, सहकारी समिति किसान एफपीओ, पंचायत उद्योग के साथ मिलकर द्विपक्षीय समझौता करेंगे, जिनमें 25 प्रतिशत उद्योग, 10 प्रतिशत लाभार्थी और 65 प्रतिशत सरकारी अनुदान उपलब्ध होगा। इन प्रोजेक्ट्स को वरीयता लाभार्थी के चयन के लिए जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा आवेदन पत्रों की छटाई की जाएगी और अनुमोदन के लिए राज्य स्तरीय अनुमोदन कमेटी को भेजी जाएगी।

                   उन प्रोजेक्ट को वरीयता दी जाएगी, जिनका उद्योग के साथ एग्रीमेंट होगा, 100 प्रतिशत पैडी स्ट्रा उद्योग और पिछले 2 सालों का पैडी फसल अवशेष खरीदने का अनुभव होगा। इन यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी प्रोजेक्ट कीमत में शामिल विभिन्न मशीनों (1 करोड़ एवं 1.5 करोड़ तक) रोटरी स्लेशर, टेलर मशीन, रैक, ट्रैक्टर (75 एचपी एवं ऊपर), बेलर (200- 300 किलो आयताकार या गोल), ट्रैक्टर (50 एचपी ट्रेडर एवं रेक के लिए), ट्राली, (ऑटोमेटिक बेल लोडिंग, ट्रॉली, अटैचमेंट स्टेकिंग, टेल हैडलर, मोशचर मीटर, वाटर टैंक (5000 लीटर), अग्निशामक, लाइटिंग अरेस्टर आदि शामिल हैं, जिनकी कीमत पर 65 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। इन दस्तावेजों का होना ज़रूरी है आवेदन करने के लिए किसान के पास हरियाणा में रजिस्टर ट्रैक्टर की वैध आरसी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते का विवरण होना चाहिए।

                 ये सभी 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर' दर्ज हों। इसके साथ फसल अवशेष नहीं जलाने का शपथ पत्र, किसान द्वारा पिछले 3 सालों से इस मशीन पर भारत सरकार और हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग से अनुदान ना लिया हो का प्रमाण देना होगा। कब तक कर सकते हैं आवेदन? जो भी किसान इन सभी शर्तों के अनुसार लाभ लेने के योग्य हो, तो वो हरियाणा कृषि विभाग के पोर्टल                                   www.agriharyana.gov.in पर 4 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर से हैं। आवेदन करने के बाद जिला कृषि विभाग वरीयता सूची ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से जिला स्तरीय कार्यकारिणी कमेटी के द्वारा निर्णय लिया जाता है कि कौन किसान इस योजना का लाभ लेने के योग्य है या नहीं। 

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