मानव ने संवेदनाओं के माध्यम से तर्क करना सीखा है, इसलिये सभी जिम्मेदार नागरिकों का संवेदनशील होना जरूरी है। समाज के कमजोर वर्ग में बच्चे भी आते हैं, जिनके प्रति किस प्रकार का व्यवहार और नजरिया रखना है, इस ओर अधिवक्ता को भी विशेष संवेदनशील होने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों के अधिकारों का हनन न हो सके। इस आशय के विचार उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक ने “बच्चों के अधिकार” विषय पर आयोजित हो रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किए।

उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र में यूनीसेफ, किशोर न्याय समिति एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्तागणों के लिये यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री पाठक एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री पाठक ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम की और अधिक सार्थक व्याख्या हो सके और इस अधिनियम को प्रभावी रूप से कैसे लागू किया जा सके, इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये ही इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा विधि को विकसित करने में अधिवक्तागण की भी विषेष भूमिका होती है, इसलिये आवश्यक है कि अधिवक्तागण इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सम्मिलित हों। संबंधित विषय में जिज्ञासु बनकर बताई गई जानकारी को सुनें और उससे संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश भी डालें।

रिसोर्स पर्सन के रूप में पधारे राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के ऐसोसियेट प्रोफेसर डा. कुमार अस्कंद पाण्डे, एचएक्यू सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स श्री आशीष कुमार एवं सुश्री वरूणा प्रशिक्षण सत्र में सम्मिलित हुये। साथ ही उपस्थित अधिवक्तागण को “बच्चों के अधिकार” विषय पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान इन विद्वानों ने विषय से संबंधित विभिन्न प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समाधान भी किया ।

कार्यक्रम में प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री पाठक सहित न्यायमूर्ति श्री रूपेश चंद्र वार्ष्णेय, न्यायमूर्ति श्री हृयेश, जिला-ग्वालियर के प्रधान जिला न्यायाधीश श्री पी. सी. गुप्ता, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय किषोर न्याय समिति के सचिव श्री अनिल कुमार, खण्डपीठ-ग्वालियर के जिला न्यायाधीश (सतर्कता) श्री प्रदीप मित्तल, प्रिंसिपल रजिस्ट्रार श्री अखिलेश कुमार मिश्र व ओएसडी श्री नवीन कुमार शर्मा व श्री हितेन्द्र द्विवेदी, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आई.टी. रजिस्ट्रार श्री शमरेश सिंह, उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री पवन पाठक व सचिव श्री महेश गोयल सहित अन्य अधिकारीगण सम्मिलित हुये।

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न्यूज़ सोर्स : ipm