1978 के बाद महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला गया
/पुरी। पुरी जगन्नाथ धाम में मौजूद जगन्नाथ महाप्रभु के आंतरिक खजाने मे कई दुर्लभ रत्न होने की बात कही जाती है। प्राचीन काल में विभिन्न राज्यों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात महाप्रभु को कीमती रत्न, हीरा, जेवरात, मुकुट आदि दान किया जाता था, इसे आंतरिक खजाने में रखा गया है। 1978 के बाद आज महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला गया। अब धीरे-धीरे खजानों के कई रहस्य सामने आएंगे।
माना जाता है कि रत्न भंडार में अलग-अलग धातुओं की महंगी मूर्तियां रखी गई हैं। ऐसे में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों के साथ देश दुनिया की नजर महाप्रभु के रत्न भंडार के खजाने के रहस्य पर टिकी हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर का अंदरूनी रत्न भंडार खोल दिया गया है।
शुभ मुहूर्त में खजाने की शिफ्टिंग
रत्न भंडार के अंदरूनी भाग की निगरानी के साथ उसमें रखे आभूषणों को स्थानांतरित करने की प्रकिया शुरू हो गई है। रत्न भंडार खोलने की शुभ घड़ी गुरुवार सुबह 2:15 बजे तक है। इस समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि महाप्रभु की नीति बाधित ना हो। सभी कार्य संपन्न होने के बाद वहां उपस्थित एएसआई एक्सपर्ट रत्न भंडार का अनुध्यान करेंगे। इसके बाद पुन: ताला सील कर दिया जाएगा।