जबलपुर के तीनों ट्रेनिंग सेंटरों ने भारतीय सेना को 2028 अग्निवीरों का जत्था सौंपा
जबलपुर । जबलपुर मिलिट्री स्टेशन के लिए पांच अगस्त का दिन बहुत खास रहा। इस दिन यहां के तीनों प्रशिक्षण केंद्रों से अग्निवीरों का पहला बैच पास आउट हुआ। जबलपुर के तीनों ट्रेनिंग सेंटरों ने भारतीय सेना को 2028 अग्निवीरों का जत्था सौंपा। इस मौके पर नवपदस्थ अग्निवीरों की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। पासिंग आउट परेड, युवा अग्निवीरों के दृढ़ संकल्प और समर्पण का प्रतीक है। पास आउट होने के बाद ये अग्निवीर अब मातृभूमि की रक्षा के लिए दुश्मन की चुनौतियों को स्वीकार कर देश की उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर तैनात होंगे।
बीते आठ माह से चल रहा था प्रशिक्षण
जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, वन 1-सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर में बीते करीब आठ महीनों से अग्निवीरों का प्रशिक्षण चल रहा था। सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में जबलपुर को देश के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्र में गिना जाता है। यहां अग्निवीर की चयन प्रक्रिया से पास होकर आए 2028 जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर शारीरिक और मानसिक रूप से भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया। इसमें जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के 840, 1-सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर के 877 और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के 311 अग्निवीर शामिल हैं।
प्रशिक्षण केंद्रों की समीक्षा रिपोर्ट भी प्रस्तुत
ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड में कमांडेंट, जेक राइफल्स- ब्रिगेडियर राजेश शर्मा, कमांडेंट, जीआरसी- ब्रिगेडियर ललित शर्मा और कमांडेंट, 1-टीटीआर ब्रिगेडियर राहुल मलिक ने अपने-अपने प्रशिक्षण केंद्रों की समीक्षा रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
धर्मग्रंथों पर हाथ रखकर ली शपथ
अग्निवीर सैनिकों ने कठोर प्रशिक्षण कर दौर पूरा करने के बाद गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों पर हाथ रखकर शपथ ली कि वे अपने प्राणों की चिंता किए बगैर देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान कड़ी मेहनत, उच्चतम अनुशासन और समर्पण के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम को देखने के लिए इन अग्निवीर योद्धाओं के माता-पिता भी उपस्थित रहे।