फर्जी टैंकर सिर्फ कागज पर बांट रहे पानी ?
इंदौर। इंदौर नगर निगम में एक और घोटाला उजगार हुआ है। फर्जी टैंकर के जरिए सिर्फ कागजों पर पानी बांटने का खेल वर्षों से चल रहा है। इस तरह अब तक करोड़ों रुपये की हेराफेरी की आशंका है।
इन फर्जी टैंकरों की संख्या 100 से भी ज्यादा बताई जाती है। इनमें से ज्यादातर रसूखदारों के हैं। मामले में जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी सामने आ रही है।
खास बात यह कि फर्जी टैंकरों से पानी बांटने के मामले में नगर निगम का जीपीएस सिस्टम भी पूरी तरह से फेल हो गया। फर्जीवाड़े में लगे ज्यादातर टैंकर कागज पर वर्षों से एक ही स्थान से पानी भरते और एक ही स्थान पर वितरण करते रहे और जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
जीपीएस सिस्टम की मानिटरिंग में भी खामियां सामने आई हैं। सिटी बस कार्यालय में बने कार्यालय में इन टैंकरों के जीपीएस की जानकारी ही नहीं है। यही वजह है कि इन्हें पकड़ना आसान नहीं होता।
मामले में अब उन टैंकरों के ई-वे बिल सामने आ रहे हैं जो कागजों पर भले ही पानी बांट रहे हों, लेकिन असलियत में ये टैंकर नगर निगम की आंख में धूल झोंकते हुए सोया तेल और अन्य सामग्री के परिवहन में जुटे हैं।
यह बात भी सामने आई है कि नगर निगम में टैंकरों की गड़बड़ी रोकने के लिए जीपीएस अनिवार्य किए जाने का तोड़ भी इन टैंकरों के मालिकों ने निकाल लिया था।
शहर की सड़कों पर नजर नहीं आते टैंकर
कागजों पर भले ही नगर निगम दावा करे कि शहर में पानी वितरण में 400 के लगभग टैंकर लगे हैं। निगम के खाते से इनका नियमित भुगतान भी हो रहा है।
प्रकरण - एक
निगर निगम के रिकार्ड भले ही कह रहे हों कि टैंकर एमपी 09 एचएफ 9986 पानी वितरण के लिए जोन 18 में अटैच है, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह टैंकर लगातार सोया तेल के परिवहन में लगा है।
इसके ई-वे बिल इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। कभी यह महाराष्ट्र के अकोला तेल लेकर जा रहा है तो कभी मंदसौर से इंदौर के बीच चल रहा है।
प्रकरण - दो
नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक टैंकर एमपी 09 एचएच 8922 भी पानी वितरण के काम में लगा है, लेकिन यह भी सिर्फ कागजों पर पानी बांट रहा है।
असल में तो यह इंदौर से अकोला (महाराष्ट्र) के बीच दौड़ रहा है। इसके अलावा भी अन्य स्थानों के लिए यह टैंकर सामग्री परिवहन करता है। ई-वे बिल इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं।