पैकेजिंग एवं ब्राण्डिंग का कमाल एक हजार अधिक में बिका लहसून
"इस बार लहसून की बंफर फसल हुई है लेकिन इस को लेकर विनिर्माण यूनिट का अभाव है। बाजार में यह बहुत कम भाव में बिक रहा है या फिर कुछ ही दिनों में बर्बाद हो रहा है। सरकार को चाहिए की इन स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को लेकर सामुदायिक विनिर्माण यूनिट की स्थापना करें। लोगों को फ्री का बांटकर बेगारा न बनाएं उसे काम के बदले अच्छा अनाज एवं इन यूनिटों में सहभागी बनाएं। "
यह दृश्य है दलौदा मंडी का जिसमे एक किसान भाई की देशी लहसुन की अच्छी क्वालिटी का माल 7500 रूपये प्रति क्विंटल बिका किसान भाई का नाम गोविंद धाकड़ पिता नानालाल जी धाकड़ है जो की मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के धमनार गांव के निवासी है। गेविन्द धाकड़ के मुताबिक पिछली बार इसकी यही क्वालिटी की लहसुन 6500 रूपये प्रति क्विंटल बिकी थी। लहसुन की अच्छे से सफाई करके, एक साइज का माल बॉक्स में पैकिंग करते है और उसके बाद मंडी में बेचने के लिए आते है। जिससे की लहसुन का अच्छा मूल्य मिल सकें।