G-20 में रन करेगा 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' ?
भारत विश्व के सबसे मजबूत आर्थिक संगठनों में से एक G20 सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। इस सम्मेलन में दुनिया के 40 से ज्यादा देश और राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे जिसकी वजह से समूचे विश्व की नजरें इसपर रहेंगी। सम्मेलन होने में अब महज 10 दिन बचे हैं। 9-10 सितंबर को होने वाले दो दिवसीय G20 सम्मेलन की तैयारियां आखिरी चरण में हैं।
दरअसल, G20 उन 19 देशों से बना है जो संयुक्त रूप से विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 85 फीसदी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75 फीसदी का योगदान देते हैं। यह आंकड़े दुनिया के लिए कितने बड़े हैं, इसको समझा जा सकता है। इसके साथ ही G20 समूह के अंदर जो भी फैसले लिए जाएंगे वह भी विश्व के लिए महत्वपूर्ण महत्व रखेंगे।
समय के साथ बड़ा होता गया G20 समूह
G20 समूह साल 1999 में अस्तित्व में आया था, जिसका मकसद वैश्विक आर्थिक संकट से उबरने के लिए था। मम्मेलन की शुरुआत में सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और प्रमुख बैंकों के गवर्नरों को बुलाया जाता था। मगर, समय बितने के साथ में इस समूह का दायरा व्यापक होता चला गया। वर्तमान समय में विश्व के प्रमुख संकटों या फिर चुनौतियों से उबरने के लिए G20 सम्मेलन में चर्चा होगी।
ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे
वर्तमान चुनौतियों में प्रमुख तौर पर विश्व में खाद्य संकट, ऊर्जा की कमी, जलवायु परिवर्तन, वर्तमान महामारी और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा शामिल है। G20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित 25 से ज्यादा विश्विक नेता शामिल होने भारत आ रहे हैं।
9-10 सितंबर को होने वाले दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन में दो देशों को छोड़कर बाकी सभी देशों के प्रमुख नेता इसमें शामिल होने आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि G20 सम्मेलन 2023 में कौन से वैश्विक नेता शामिल होंगे और कौन सम्मेलन में भाग नहीं ले सकेंगे।
G20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित सदस्य देश और उनके राष्ट्राध्यक्षों की लिस्ट:
फुमियो किशिदा, जापान के प्रधानमंत्री
जियोर्जिया मेलोनी, इटली के प्रधानमंत्री
जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति
जोको विडोडो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
एंथोनी अल्बानीज़, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
सिरिल रामफोसा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति
ऋषि सुनक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति
इमैनुएल मैक्रॉन, फ्रांस के राष्ट्रपति
जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री
लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, ब्राजील के राष्ट्रपति
मोहम्मद बिन सलमान, क्राउन प्रिंस, सऊदी अरब के प्रधानमंत्री
ओलाफ स्कोल्ज़, जर्मनी के चांसलर
रेसेप तैयप एर्दोगन, तुर्की के राष्ट्रपति
यूं सुक येओल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति
इसमें भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिकता वाले नेता चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपस्थिति होगी, मगर शी ने अभी तक G20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने की औपचारिक पुष्टि नहीं की है। विदेश मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले दिनों जानकारी देते हुए कहा था कि शी ने अभी तक कार्यक्रम शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।
कांग्रेस ने जी-20 सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया है कि जी-20 समिट के लिए नौ सितंबर को होने वाले रात्रि भोज के लिए जो निमंत्रण पत्र राष्ट्रपति भवन की तरफ से भेजे गए हैं, उनमें आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' को बदला गया है। रमेश का दावा है कि इसमें इंडिया शब्द को हटाया गया है और 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' का इस्तेमाल किया गया है।
जयराम रमेश ने ट्वीट में संविधान का जिक्र करते हुए कहा, "इसके अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि भारत, जो कि इंडिया था, वह राज्यों का संघ है। लेकिन अब तो राज्यों के संघ पर भी हमला किया जा रहा है।"