गमछा-गुलदस्ता वाली राजनीति से क्यों परेज कर रहे असम के CM.क्या यह विकास की प्रमुख बाधा है
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के कार्यालय ने बुधवार (28 जून) को सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के सीएम के आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान पालन किए जाने वाले कुछ अहम निर्देश जारी किए. जारी किए निर्देशों में गमछा-गुलदस्ता से परहेज करने के लिए कहा गया है और खानपान संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एडवाइजरी में क्या कुछ कहा गया?
- कार्यक्रम शुरू होने से पहले आयोजकों की ओर से दीया जलाया जा सकता है जो पूरी बैठक के दौरान जलता रह सकता है.
- गमछा या फूलों के गुलदस्ते मुख्यमंत्री का अभिनंदन करने से सख्ती से परहेज किया जाएगा और सीएम को कोई उपहार नहीं दिया जाएगा.
- एंकर की ओर से धन्यवाद ज्ञापन के अलावा किसी अन्य धन्यवाद प्रस्ताव की जरूरत नहीं है.
- मुख्यमंत्री के रात में प्रवास करने के मामले में अगली सुबह कार्यक्रम की शुरुआत एक एक कॉमर्शियल पौधे के रोपण के साथ शुरू होना चाहिए.
- चाय को कुल्हड़ को कुल्हड़ में दिया जाए और पानी को सिंगल यूज वाली प्लास्टिक की बोतल के बजाय कांच की बोतल या जग में रखा जाना चाहिए.
- दोपहर के भोजन और रात के खाने का मेन्यू हमेशा असमिया या स्थानीय जनजातीय शैली के मेन्यू के साथ सरल शाकाहारी भोजन वाला होना चाहिए.
एक्शन में CM सरमा
बता दें कि इससे पहले सीएम सरमा के निर्देश पर असम के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार (27 जून) को देर रात तक गुवाहाटी में फ्लाईओवर के नीचे रहने वाले बेघर लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने के लिए पुनर्वास अभियान चलाया.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कामरूप (मेट्रो) के डिप्टी कमिश्नर पल्लव गोपाल झा ने गुवाहाटी के उलुबरी इलाके का दौरा कर वहां के फ्लाईओवर से भिखारियों को हटवाया. इसके बाद उन लोगों को पुनर्वास के लिए ले जाया गया. डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री रात में शहर का दौरा करते रहते हैं और शहर की समस्याओं को देखते हैं.
इससे पहले सीएम सरमा ने गुवाहाटी के डिप्टी कमिश्नर से पूछा था कि वह (सीएम) रात में जिस परिवार को देखते हैं, क्या अब भी उलुबरी में एक फ्लाईओवर के नीचे रह रहा है? परिवार में 2-3 छोटे बच्चे हैं. इसे देखते हुए सीएम ने अधिकारी को उस परिवार के लिए तत्काल आवास और आय के अवसर मुहैया करने का निर्देश दिया था.