किसी धर्म विशेष के लिए नहीं हो सकते अलग कानून, समान नागरिक संहिता लागू हो
रायपुर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में विहिप ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि यह शीघ्र लागू होना चाहिए। देश में सभी धर्मों के लोगों को इसका पालन करना चाहिए। पत्नी, बच्चों के अधिकार, वैवाहिक अधिकार और विवाह के लिए आयु संबंधी अधिकार किसी अन्य धर्म के लिए अलग नहीं हो सकते हैं। राजधानी के कमल विहार स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित बैठक में विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विहिप समान नागरिक संहिता की मांग करता है।
एक धर्म विशेष के द्वारा संविधान के नियमों का लगातार उल्लंघन किया जाता है, जिसका नुकसान महिलाओं और बच्चों को उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि अब राष्ट्रीय विधि आयोग ने भी आम लोगों से इस संदर्भ में सुझाव आमंत्रित किया है। 14 जुलाई तक आम लोग सुझाव दे सकते हैं। विहिप ने साफ तौर पर एलान किया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-44 का पालन सभी को करना चाहिए।