बिहार की राजधानी पटना में 15 दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सहित एनडीए के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की रणनीति बनाने में जुटे. उनका मकसद था, नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने से रोकना.

इसमें तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तक ने भाग लिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (सीएम) ममता बनर्जी व कई अन्य नेता गुरुवार की शाम ही पटना पहुंच गए थे. ममता ने राबड़ी देवी के आवास जाकर आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और पैर छूकर आर्शीवाद भी लिया. इस भेंट के बाद ममता ने कहा कि लालू जी बहुत तगड़ा हैं, बीजेपी के खिलाफ ठीक से लड़ सकते हैं.

पटना पहुंचने के बाद राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश में दो विचारधारा की लड़ाई चल रही है. एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो विचारधारा है तो दूसरी तरफ बीजेपी-आरएसएस की भारत तोड़ो विचारधारा है. अब हम सब मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे, उसे हराएंगे. 

शुक्रवार दोपहर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर शुरू हुई बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, आप, जेएमएम, एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई, सीपीआई (एमएल), सीपीएम व डीएमके के 27 नेताओं ने भाग लिया. इनमें पांच वर्तमान व छह पूर्व मुख्यमंत्री हैं. इन नेताओं में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, भगवंत सिंह मान, डी राजा, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुला, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव प्रमुख थे.

 

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