प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन किया। दिल्ली से मुंबई तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1385 किमी है। 247 किमी लंबे पहले फेज में आठ लेन हैं। दौसा में हाइवे के उद्घाटन में PM ने कहा कि यह विकसित होते भारत की भव्य तस्वीर है। जब ऐसी आधुनिक सड़कें बनती हैं तो देश की प्रगति को गति मिलती है।

PM ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 9 साल से इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर बड़ी रकम खर्च कर रही है। इस साल के बजट में सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का प्रोविजन किया गया है। यह 2014 की तुलना में 5 गुना ज्यादा है।

दिल्ली-जयपुर के बीच ट्रैवल टाइम आधा हो जाएगा
मोदी ने कहा- इस हाइवे के बनने से दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच इस हाईवे से जयपुर से दिल्ली जाने का टाइम आधा हो जाएगा। ये प्रोजेक्ट राजस्थान समेत मप्र, महाराष्ट्र और गुजरात की तस्वीर बदल देंगे। ये एक्सप्रेस-वे बंदरगाहों, लॉजिस्टिक पार्क को कई राज्यों से जोड़ेगा। यह देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेस-वे में से एक है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किए गए खर्च से सभी को फायदा
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का एक और पक्ष है। जब यह तैयार हो जाता है तो किसान, स्टूडेंट, व्यापारी सभी को अनेक सुविधाएं मिलती हैं। दुनिया में ऐसे अनेक अध्ययन हैं, जो बताते हैं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगाई गई राशि जमीन पर कई गुना असर दिखाती है, इससे कई गुना निवेश आकर्षित होता है।

प्रधानमंत्री एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद भाजपा की रैली में पहुंचे। यहां मौजूद भीड़ को लेकर उन्होंने कहा कि ये ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को कुछ लोगों ने बीमारू राज्य कहकर चिढ़ाया है, लेकिन भाजपा राजस्थान को विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार बना रही है। राजस्थान दिल्ली-मुंबई से कनेक्ट हो रहा है, यह दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को और ताकतवर बनाएगा।

2024 से पहले अमेरिका जैसा होगा रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर
लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सैटेलाइट का उपयोग करके हाईवे का अलाइनमेंट ठीक किया गया, इस तकनीक की मदद लेने से दिल्ली से मुंबई के बीच 275 किमी की दूरी कम की गई है। उन्होंने दावा किया कि हम 2024 का साल खत्म होने से पहले भारत का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर कर देंगे।

जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल भी डलेगी
गडकरी ने कहा कि जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल भी डाली जाएगी, ताकि इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रक और बसें भी चल सके। इसके लिए वैज्ञानिकों की मदद भी ली जा रही है।

नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साफा पहनाकर स्वागत किया, वहीं स्मृति चिन्ह के रूप में उन्हें चित्तौड़गढ़ का विजय स्तंभ का प्रतीक भेंट किया गया है। विजय स्तंभ को मेवाड़ के महाराणा कुंभा ने अलाउद्दीन खिलजी को हराने के बाद बनाया गया था।

12 हजार 150 करोड़ रुपए में बना 247 KM लंबा एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन 247 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,150 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जाएगा।

इस सेक्शन के खुल जाने से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। उद्घाटन के बाद रविवार को ही इस एक्सप्रेस-वे को आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस हाईवे पर गाड़ियां 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

गहलोत ने पीएम से कहा- ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करें
उद्घाटन कार्यक्रम में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुड़े राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 50 सड़कों को पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का फैसला हो चुका है, लेकिन इसका नोटिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ। जयपुर रिंग रोड, जोधपुर एलिवेटेड रोड पर भी जल्द काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ईस्टर्न रीजन कैनाल प्रोजेक्ट(ईआरसीपी) को भी प्रधानमंत्री महत्व दें और इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करें। एक प्रधानमंत्री का पंद्रह दिन के अंदर किसी राज्य में दूसरी बार आना बहुत मायने रखता है, इसलिए राजस्थान आपसे बहुत उम्मीद कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 लेन वाले 67 किमी के बांदीकुई-जयपुर लिंक रोड, 6 लेन वाले 86 किमी के कोटपूतली-अलवर-दिल्ली मुंबई इंटरचेंज नेशनल एक्सप्रेस परियोजना का शिलान्यास भी किया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं। हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे का 129 किमी का हिस्सा है। वहीं राजस्थान में एक्सप्रेस-वे 373 किमी लंबा है।

 

न्यूज़ सोर्स : ipm