इस बार बजट में शिक्षा के उपर अधिक धन की क्यों मांग कर रहे भारतीय ?
कोविड महामारी के समय से ही सबसे अधिक स्कूल और उच्च शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुये हैं। दूसरी ओर कोविड के चलते आर्थिक विषमताओं के फलस्वरूप कई लोगो को स्कूल छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ा, जिससे छात्रों के साथ साथ शैक्षणिक संस्थानों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर 1 फरवरी, 2023 को देश का बजट आ रहा है, जिससे शिक्षा क्षेत्र की काफी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं, आज हम आपको उन्हीं के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
शैक्षणिक सेवाओं पर क्या कम होगा जीएसटी
शिक्षा जगत बड़े अरसे से मांग कर रहा है कि शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी को आगे 10 सालों के लिये हटा लेना चाहिये, जिसमें प्रशिक्षण, एड टेक, कोचिंग आदि सम्मिलित हैं। वहीं शिक्षा जगत यह मानता है कि इन सेवाओं पर जीएसटी लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
पूर्व माध्यमिक शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत
अभी भी शिक्षा जगत के एक बेहतर हिस्से पूर्व माध्यमिक शिक्षा में ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि यहां भौतिक बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित मानव संस्थानों की जरूरत है। दूसरी ओर हाल में आयी भारत सरकार की नई शिक्षा नीति पर इस पर जोर दिया गया है, लेकिन वित्तीय उपाय अभी पूरे नहीं हुये हैं। वहीं बजट- 2023 से इस क्षेत्र के लिये सबकी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।
शिक्षकों के तकनीकी ज्ञान के लिये हो अलग कोष की व्यवस्था
बता दें कि वर्तमान समय में नियमित शिक्षकों की बुनियादी तकनीक समझ कम है, ऐसे में इसमें सुधार की आवश्यकता है। शैक्षणिक जगत द्वारा इसके लिये अलग कोष की मांग की जा रही है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा या प्रशिक्षण के दीक्षा प्लेटफॉर्म मौजूद है, जोकि इनके लिये नाकाफी है।