प्रयागराज । प्रयागराज महाकुंभ में काफी सुर्खियां बटोर चुके आईआईटी वाले बाबा का कोई एक ठिकाना नहीं है। जूना अखाड़े से निकालने के बाद वह हर बार एक नई जगह पाए जाते हैं, इस बार आईआईटी वाले बाबा उर्फ अभय सिंह संगम के करीब देर रात तंत्र मंत्र करते नजर आए। आईआईटीयन बाबा ने कहा कि मुझे अगर एनर्जी बनानी होती है, तब एक अगरबत्ती रहेगी साइड में, फिर एनर्जी के हिसाब से दीपक रखे जाएंगे। मैं प्रिजेंट मोमेंट के हिसाब से एग्जिक्यूट करता हूं। जो जीते हो वहां वर्तमान ही है, वर्तमान ही तब भूत बनता है बाद में। भविष्य के बारे में चिंता करना सही नहीं है लेकिन भविष्य के बारे में सोच सकते हो, प्लान कर सकते हो। चिंता जो शब्द है वह अलग है, चिंता का मतलब है कि टेंशन हो गय। हर प्रेजेंट मोमेंट को 100 प्रतिशत जीना है, और उसके हिसाब से ही आगे-आगे चीजें होती जाएगी। पुनर्जन्म पर कहा कि यह समझने के लिए आपको जन्म और मृत्य को समझना होगा। किसी चीज को पकड़ कर रखना। कोई मोमेंट जो अच्छा चल रहा है और मैं सोचूं यह ऐसा ही चलता जाए। असल में यूनिवर्स की टेंडेंसी है बदलाव की, लेकिन हम चाहते हैं कि सब स्थिर रहे। यह उम्र के साथ होता है, पैसे के साथ होता है। लोग भूल जाते हैं कि सबकी मौत निश्चित है। लगाव का मतलब ही मोह है, प्रेम में अंतर है, वह बीच में रखता है, वह स्थिर होने की कोशिश नहीं करता।