कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे, फसलों को हुआ नुकसान
भोपाल । प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा जिले में कल बारिश के साथ ओले गिरे। इससे खेत में खडी फसल को नुकसान हुआ। कई जिलों में चने के आकार के ओले गिरे, वहीं बारिश और तेज हवा से फसल भी आढी हो गई। सागर, विदिशा जिले में शुक्रवार को वर्षा के साथ ही ओले गिरने से खेतों में बची हुई फसलों को नुकसान हुआ है। नर्मदापुरम और हरदा जिले में भी तेज वर्षा से फसलें भीग गईं। सागर जिले के सुरखी, गढ़ाकोटा व सुरखी क्षेत्र में करीब आधा घंटे तक बेर के आकार के ओले गिरे हैं। किसानों ने बताया कि मौसम में गर्मी के कारण ओले जमीन पर गिरकर तत्काल पिघल गए, जिससे फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन खेतों में पककर खड़ी फसलें भीगने के साथ ही दाने गिर गए हैं। अब किसानों को कटाई के लिए इंतजार करना होगा। इधर, विदिशा जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र में लगभग आधा घंटे तक जोरदार वर्षा हुई। साथ ही करीब दस मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे, जिससे खेतों में पकी खड़ी गेहूं की फसल की बालियां टूटकर दाने खेत में बिखर गए। खलिहानों में रखा गेहूं और काट कर रखी फसल गीली हो गई। नर्मदापुरम जिले में भी शुक्रवार को एक घंटे तक तेज वर्षा हुई। इसके बाद करीब दो घंटे तक बूंदाबांदी होती रही। बुंदेलखंड के छतरपुर और चंबल के मुरैना जिले में फिर से ओलावृष्टि हुई है। इससे फसल को नुकसान पहुंचा है। छतरपुर जिले के लवकुशनगर में शुक्रवार शाम बारिश हुई और ओले बरसे। ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह 250 ग्राम वजन तक के ओले गिरे हैं। छतरपुर जिले के ही चंदला में भी ओलावृष्टि होने से एक दर्जन से ज्यादा गांवों में नुकसान है। दोनों क्षेत्रों में ओलावृष्टि से गेहूं और दलहनी फसल खेतों में बिछ गई है। एसडीएम निशा बांगरे ने पटवारियों को गांवों में जाकर नुकसान की जानकारी भेजने के लिए कहा है। मुरैना जिले के पहाड़गढ़ क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में शुक्रवार की शाम ओलावृष्टि हुई। चने से लेकर अंगूर के आकार के ओले पांच मिनट तक बरसे। इससे गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई, जिससे खलिहान में रखी कटी फसल भींग गई। खेत में पककर कटने को खड़ी गेहूं की फसल पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई है।हरदा जिले में गुरुवार शाम को बूंदाबांदी हुई। इसके बाद शुक्रवार को सुबह तेज वर्षा हुई। वर्षा से खेतों में खड़ी गेहूं, चना की फसलों को नुकसान हुआ है, जबकि उग चुकी मूंग की फसल को फायदा बताया जा रहा है।