पढ़ाई के लिए पहली पसंद बने सरकारी स्कूल, अभिभावक बोले यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
भोपाल। : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देना तो है ही, इसके अलावा 12वीं के एक-एक टापर छात्र-छात्रा को स्कूटर खरीदने के लिए राशि प्रदान करना, 12वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए मेडिकल एवं डेंटल कालेजों की सीटों में पांच प्रतिशत का कोटा आरक्षित करने आदि प्रयास भी हैं।
यही नहीं, पीएमश्री व सीएम राइज स्कूलों ने भी सरकारी स्कूलों के प्रति अच्छी धारणा बनाई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्तमान सत्र में प्रवेश पूर्ण हो गए हैं। इस बार प्रदेश के निजी स्कूलों में साढ़े 10 लाख तो सरकारी स्कूलों में इससे दोगुना 22 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल सरकारी व निजी स्कूलों में कुल प्रवेश कम हुए हैं। शिक्षाविदों व स्कूल प्राचार्यों का कहना है कि सरकारी स्कूलों द्वारा दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निजी स्कूलों में बढ़ती फीस और शासन की योजनाओं का लाभ न मिलने के कारण विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों की ओर रुख किया है। यह अच्छा संकेत है।
शासन की ओर से नीट, जेईई और क्लैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुपर-100 कोचिंग का संचालन किया जाता है। इस कोचिंग में विद्यार्थियों को निश्शुल्क तैयारी कराई जाती है। साथ ही छात्रावास की भी सुविधा दी जाती है।
प्रदेश के 51 उत्कृष्ट विद्यालयों व 250 से अधिक माडल स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश लिए जाते हैं। इन स्कूलों में करीब 60 प्रतिशत निजी स्कूलों के आवेदन होते हैं। वहीं, सीएम राइज स्कूलों के लिए भी सीट से अधिक आवेदन आ रहे हैं और लाटरी के माध्यम से प्रवेश दिए जा रहे हैं। प्रदेश के नौ हजार 200 सरकारी स्कूलों को सीएम राइज योजना के तहत सर्वसुविधायुक्त बनाया जाना है। पहले चरण में 379 स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। वहीं, पीएमश्री योजना के तहत प्रदेश के 644 स्कूलों का कायाकल्प किया जाना है।