टेंट व्यवसाय और तरबूज की उन्नत खेती ने बदल दी परिवार की आर्थिक दशा
लगन और मेहनत से किए गए कार्य में एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है। यह सिद्ध हुआ हैै केसला ब्लाक के झुनकर गांव के गरीब परिवार की सविता बाई पति राजकुमार ठाकरे के परिवार में। इनके परिवार के सामने अनेक संकट आए लेकिन मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा, लगन के साथ कार्य करने तथा उन्नति की ललक बनाए रखे रहे। जिससे उन्हें सफल होने में कुछ समय जरूर लगा लेकिन अब उनका परिवार खुशी और समृद्धि की ओर अग्रसर है।
सविताबाई ठाकरे पति राजकुमार ठाकरे ग्राम झुनकर के स्कूल टोला में निवासरत है। परिवार में पति पत्नी के साथ ही पुत्र आदित्य व एक पुत्री आशी है जो क्रमश: 5 वी एवं 5 वी में अध्यनरत है। इनके पास कुल 1.35 एकड़ भूमि है जो कि रेतीली है। जिसमें मात्र 2 से 3 क्विटल उपज प्राप्त हो पाती है। जिससे परिवार का गुजारा नहीं हो पाता। परिवार की आजीविका का मुख्य आधार कृषि व गैर कृषि मजदूरी है। लगातार मजदूरी भी नहीं मिलने से भरण पोषण में दिक्कत होती थी। पति पत्नी आस पास के ग्रामों में जाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। जहाँ कई तरह की दिक्कतें होती थी। जैसे काम की तलाश करना, मजदूरी का समय पर तथा उचित भुगतान न मिलना।
झुनकर के स्कूल टोला में रहने वाली सविता बाई खुश्बू आजीविका स्वं सहायता में वर्तमान में अध्यक्ष पद पर कार्यरत है। समूह से जुड़ने के बाद छोटे ऋण की पूर्ति तो की जाने लगी पर सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या थी।
सविता साख योजना बनाने के दौरान समस्या पता चली तों रोजगार के विकल्प ढूढे गये जिसमें सविता बाई व उसके पति ने तय किया कि टेन्ट व्यवसाय व उन्नत कृषि करने का विचार किया। समूह के सभी सदस्यों द्वारा सहमति प्रदान की गई तथा सम्पूर्ण समूह की सूक्ष्म साख योजना बनने के पश्चात अब समस्या थी कि राशि की उपलब्धता कैसे की जावे।
तब राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सहयोग से एक प्रस्ताव बैंक को सीसीएल हेतु तथा दूसरा मिशन कार्यालय नर्मदापुरम को सीआईएफ हेतु प्रस्तुत किया गया। बैंक के द्वारा 2018 में खुश्बू आजीविका समूह की 100000 की लिमिट जारी की दी गई।
जिससे सविता बाई के द्वारा 50,000 रूपये का ऋण प्राप्त किया गया तथा टेन्ट व्यवसाय प्रारंभ किया गया। साथ ही समूह के द्वारा सविता बाई के लेनदेन को देखते हुये ग्राम संगठन से 25000 का ऋण प्रदान कर सविता बाई को उन्नत किस्म के तरबूज की खेती करने हेतु प्रेरित किया गया।
गतिविधियों के परिणाम सविता बाई को पारम्परिक शादी विवाह के कार्यक्रमों ग्राम पंचायत व अन्य संस्थाओं के कार्यक्रम मृत्युभोज व शासकीय कार्यक्रमों के आयोजनों में टेन्ट लगने से परिवार में नियमित रूप टेन्ट के काम मिलने से 8000 से 9000 रूपये आय प्राप्त होने लगी।
इसके साथ ही तरबूज की बम्पर फसल होने से 100000 का शुद्ध लाभ हुआ। जिसकों वर्तमान में परिवार का भरण पोषण तथा ग्राम संगठन से प्राप्त ऋण के पुर्नभुगतान में उपयोग किया जा रहा है।
वर्तमान में कार्य होने के कारण सविता बाई व पति राजकुमार का पलायन पर जाना पूर्णतः रूक गया है। कृषि कार्य में लागत हेतु राशि उपलब्ध हाने के कारण उपज में वृद्धि हुई। सविता बाई के द्वारा किराना दुकान खोलने हेतु बचत कर रोड के किनारे जमीन क्रय कर पक्की दुकान बना ली है।
सविता बाई और उनका परिवार बहुत खुश हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan और राष्ट्रीय आजीविका मिशन नर्मदापुरम को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है।