प्र में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल है। एक तरह जहां प्रायवेट अस्पतालों में जांच के नाम पर लूट मची है वहीं नकली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में विगत दिनों से जो घटनाएं सामने आ रही हैं इससे प्रतीत होता है कि राजेनता सिर्फ कमिशनखोरी में लगे हैं एवं प्रशासन पैसे बटोरने में। 
वर्तमान में दमोह जिले की घटना ने तो सरकारी अस्पतालों की पोल खोल के रख दी है। एक साथ जहां पांच प्रसुताओं की मौत ने पूरे सिस्टम पर सवाल उठा दिया है ।

 

दमोह जिला अस्पताल में प्रसव के बाद हुई चार महिलाओं की मौत के मामले में अब एक और महिला की हालत नाजुक होने का मामला सामने आया है। चार जुलाई को जिन महिलाओं के प्रसव हुए थे उसमें से एक और महिला की हालत गंभीर है, जो जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। परिवार के लोग शुक्रवार को कलेक्टर के पास पहुंचे जहां महिला का बेहतर इलाज करने की मांग करते हुए लापरवाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कलेक्टर सुधीर कोचर भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उनका कहना है कि मामला काफी गंभीर है। एक, दो दिन में जांच पूरी हो जाएगी इसके बाद जो भी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

जिले के पटेरा ब्लॉक के मंगोलपुर गांव निवासी श्रीराम पटेल की बहू भारती पटेल जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। ससुर ने बताया कि 30 जुलाई को उनकी बहू को प्रसव कराने अस्पताल में भर्ती किया था। एक जुलाई को सर्जरी से प्रसव हुआ। ऑपरेशन बिगाड़ दिया, जिससे बहू का स्वास्थ्य खराब हो गया और उसे तत्काल जिला अस्पताल से जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। तब से उनकी बहू जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत से लड़ रही है। उन्होंने कलेक्टर सुधीर कोचर से मांग की है कि कलेक्टर उनकी बहू के बेहतर इलाज का प्रबंध कराएं और जिन्होंने इस मामले में लापरवाही की है। उन सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

कलेक्टर बोले- हरसंभव मदद करेंगे
कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती महिला भारती पटेल के परिवार के लोग मिलने आए थे। उन्होंने बताया है कि महिला की हालत पहले से बेहतर है। यदि उन्हें और बेहतर इलाज की आवश्यकता होगी और यदि एयरलिफ्ट करने की भी जरूरत होगी तो वह करेंगे, क्योंकि महिला की जान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कलेक्टर ने कहा कि महिला के बेहतर इलाज की हर व्यवस्था की जाएगी।

जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को बीच-बीच में हाइजीनिक बनाए रखने के लिए की जाने वाली साफ सफाई को लेकर कलेक्टर ने कहा कि अभी पूरी तरह इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन कुछ दिन पहले जॉइंट डायरेक्टर जब निरीक्षण करने आई थी, तो उन्होंने ऑपरेशन थिएटर के संचालन को लेकर अस्पताल प्रबंधन को कुछ निर्देश दिए थे। कुछ मापदंड बताए थे जिसके अनुसार ओटी का संचालन किया जाना है। अस्पताल प्रबंधन फिलहाल उन्हीं मापदंडों के हिसाब से ऑपरेशन थिएटर का संचालन कर रहा है।

जल्द आ जाएगी जांच रिपोर्ट
कलेक्टर कोचर ने बताया कि चार महिलाओं की मौत का मामला काफी गंभीर है। इस मामले में जो जांच चल रही है उसकी जांच रिपोर्ट एक-दो दिन में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वास्थ्य संबंधी विशेषज्ञ के माध्यम से जांच की जा रही है, इसलिए इसमें जल्दबाजी नहीं कर सकते, लेकिन एक-दो दिन में जांच आ जाएगी और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इन महिलाओं की हुई मौत
दमोह के बटियागढ़ ब्लॉक के बकायन गांव निवासी सचिन चौरसिया की पत्नी लक्ष्मी चौरसिया हाईकोर्ट जबलपुर में पदस्थ थीं। जिला अस्पताल दमोह में नॉर्मल डिलीवरी के लिए आईं थी, रात में कहा गया सीजर होगा। सब ठीक हो गया शिशु भी स्वस्थ था, लेकिन कुछ देर बाद लक्ष्मी को पेट में तेज दर्द हुआ और कुछ ही देर में लक्ष्मी की मौत हो गई। हटा ब्लॉक के हिंडोरिया गांव की निशा परवीन का भी पहला बच्चा होना था। सीजर तक सब ठीक था, बच्चा होने के कुछ घंटों बाद यूरिन पास होना बंद हो गया। उन्हें बताया गया किडनी फेल हो गई। गंभीर हालत में उन्हें जबलपुर मेडिकल कालेज ले जाकर डाइलिसिस कराया गया। 18 दिन संघर्ष के बाद निशा परवीन ने भी दम तोड़ दिया। इनके परिजन भी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।

इसी तरह दमोह के हटा तहसील निवासी हुमा का भी पहला प्रसव था। सीजर तक सब ठीक था, लेकिन उनकी भी यूरिन पास होना बंद हो गया। उन्हें भी बताया गया कि किडनी फेल हो गई। गंभीर हालत में दमोह से जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया, जहां डाइलिसिस होते रहे और बीस दिन इलाज के बाद हुमा ने भी दम तोड़ दिया। दमोह के पटेरा ब्लॉक के नया गांव निवासी हर्षना कोरी को भी पहला प्रसव हुआ पर चंद घंटों में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। दमोह के आईसीयू में एडमिट किया गया और सुबह होने से पहले हर्षना ने भी दम तोड़ दिया। इस तरह चार जुलाई को जिला अस्पताल में हुए सीजर ऑपरेशन में अब तक चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। 

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न्यूज़ सोर्स : ipm