रेशम उत्पादन में नवाचार कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं किसान
Narmadapuram - जिले में रेशम के प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए व्यवस्थित कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव तैयार करें। यह निर्देश कलेक्टर सोनिया मीना ने बुधवार को जिले के मालाखेड़ी स्थित रेशम केंद्र के निरीक्षण के दौरान जिला रेशम अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि नवीन कृषकों को भी रेशम उत्पादन प्रक्रिया से जोड़ा जाए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सुश्री मीना ने रेशम बनाने की प्रक्रिया, रीलिंग, रेशम बुनाई के पूर्व ट्विस्टिंग, मलबरी, मूगा, इरी और तसर रेशम के प्रोडक्शन इत्यादि के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कलेक्टर ने रेशम केंद्र में स्थित धागे से कपड़ा बनाने की इकाई का भी अवलोकन किया। उन्होंने केंद्र पर रेशम से निर्मित होने वाली विभिन्न डिजाइन के कपड़ो, साड़ियों आदि का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर सुश्री मीना ने रेशम एवं कपड़ा निर्माण कार्य में संलग्न कर्मचारियों से भी चर्चा की एवं उनसे आमतौर पर रेशम से साड़ी एवं अन्य वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया, उनमें लगने वाले समय आदि के संबंध में चर्चा की। कपड़ा निर्माण इकाई में संलग्न कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा उक्त कार्य के लिए उन्हें ट्रेनिंग प्रदान की गई थी जिसके आधार पर वह रेशम केंद्र में साड़ी निर्माण आदि कार्यों को कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि अलग अलग डिज़ाइन की साड़ियों को बनने में हफ्तों से लेकर महीनो का समय लग जाता है। इस दौरान कलेक्टर ने रेशम केंद्र स्थित प्राकृत शोरुम का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने रेशम विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग द्वारा रेशम फॉर्म, प्राकृत शोरूम, कपड़ा निर्माण यूनिट आदि के विकास एवं प्रगति के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
कलेक्टर ने जिला नशा मुक्ति केंद्र पहुंचकर वहां उपलब्ध सुविधाओं का भी निरीक्षण किया। उन्होनें नशा मुक्ति के लिए केंद्र में भर्ती लोगो की संख्या की जानकारी ली, तथा वहां पर स्वच्छता, दवाईयों आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखे जाने के लिए निर्देश दिए। कलेक्टर ने बांद्राभान स्थित दिवस बसेरा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद पंचायत नर्मदापुरम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमन्त सूत्रकार को निर्देश दिए है कि दिवस बसेरा भवन के उन्नयन एवं इसके उपयोग के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाएं। भवन का उपयोग पर्यटन आदि के उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है इसीलिए इस विषय को भी अपनी कार्ययोजन में शामिल किया जाए।
जिला रेशम अधिकारी रविन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में रेशम उत्पादन का कार्य सोहागपुर, गूजरवाडा, सुखतवा बनखेड़ी, डोकरीखेड़ा, पनारी, पिपरिया व राजलढाना में मुख्य रूप से किया जाता है। जिला रेशम अधिकारी रविन्द्र सिंह ने कलेक्टर को रेशम क्रॉप सीजन संबंधी जानकारी देते हुए बताया की तसर और मूगा की साल में दो फसल तथा मलबरी एवं इरी की साल में 4 फसल प्राप्त होती है। श्री सिंह ने प्राकृत शोरूम द्वारा वस्त्र विक्रय की जानकारी के संबध में भी कलेक्टर को अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान जिला रेशम अधिकारी श्री रविंद्र सिंह सहित रेशम केंद्र के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।