हरेली तिहार मनाने मुख्यमंत्री निवास में सज गए बैल
हरेली तिहार, जिसे हरेली अमावस्या भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख त्योहार है। यह आमतौर पर श्रावण (जुलाई-अगस्त) महीने के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। हरेली तिहार का मुख्य उद्देश्य कृषि और खेती से जुड़ा होता है, और इसे किसानों के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। मुख्यमंत्री निवास एक ग्रामीण मड़ई मेला की तरह सुंदर साजसज्जा में नजर आ रहा है। रहचुली झूला, गेड़ी और सुंदर बैलगाड़ियों से पूरा परिसर हरेली की रौनक से दमक रहा है। इसके अलावा पिट्ठूल, भौरा जैसे खेल विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। साथ ही आगंतुक परंपरागत छत्तीसगढ़ी पकवान चीला, खुरमी, ठेठरी, अइरसा आदि का भी आनंद लेंगे।
इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस बार हम धरती माता का आभार उनकी पूजा करने के साथ ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाएं और हरेली की खुशियां मनाएं। साय ने कहा कि हरेली त्यौहार प्रदेशवासियों के जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए।