शासकीय भूमि बताकर, गरीब महिला की जमीन पर कब्जा,कोर्ट ने दिया मुआवजा भुगतान का आदेश
संदीप सोनी
अनूपपुर - नगर पालिका परिषद पसान के मनमौजी तानाशाह नगर पालिका के अध्यक्ष ,सीएमओ द्वारा मध्य प्रदेश शासन की , पूर्वक पीड़िता महिला की जमीन को जबरन छीनकर, बना ली गई थी डैम, सीएमओ कटघरे में, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश अवज्ञा क शासकीय भूमि बताकर, षडयंत्ररने पर सख्त आदेश "यह मामला नगर पालिका परिषद पसान जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश का है ,जहां नगर पालिका पसान के पूर्व तथा वर्तमान अध्यक्ष राम अवध सिंह, सीएमओ द्वारा पीड़ित महिला की पटटे कब्जे की भूमि को मध्य प्रदेश शासन की शासकीय भूमि बताकर षड्यंत्र करते हुए जबरन छीन कर दबंगई से डेम का निर्माण करा लिया गया था, डैम निर्माण के समय अध्यक्ष राम अवध सिंह द्वारा यह कहा गया कि हमारा यह डैम शासकीय मध्य प्रदेश शासन भूमि पर बनाया जा रहा है , पीड़ित महिला तथा परिवार के द्वारा बार-बार विरोध मना करने पर अध्यक्ष राम अवध ने पीड़ित महिला की निजी भूमि पर नगर पालिका द्वारा निर्मित डैम का निर्माण धोखाधड़ी करते हुए बलपूर्वक करा दिया' , डैम के निर्माण हो जाने के बाद महिला के द्वारा अपनी भूमि का सीमांकन कराया गया तथा नगर पालिका के द्वारा दोबारा सीमांकन कराने पर भी पीड़िता की भूमि डैम के अंदर पाई गई, जिस पर विधिवत जांच पड़ताल होने के उपरांत भू अर्जन अधिकारी जिला अनूपपुर द्वारा भूमिका मुआवजा बनाकर न्यायालय उपखंड अधिकारी अनूपपुर द्वारा नगर पालिका परिषद पसान के सीएमओ को मुआवजा भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया ,परंतु नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उक्त आदेशों का पालन नहीं किया गया, जिस पर पीड़ित महिला परिवार के द्वारा मुआवजा की राशि प्राप्त करने के लिए कलेक्टर अनूपपुर ,नगर पालिका तथा मुख्यालय के अधिकारियों से देश में चल रहे करोना महामारी के समय पर भी इनके सभी कार्यालय के चक्कर लगाते लगाते परेशान होकर भी अधिकारियों द्वारा मुआवजा दिलाए जाने की आश्वासन दिए जाने के बाद जब पीड़िता को यह लगने लगा कि मुझे अब इन अधिकारियों के द्वारा न्याय मिलना असंभव है तब माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर मे रिट याचिका दायर किया गया, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने कलेक्टर अनूपपुर श्री आशीष वशिष्ठ को निर्धारित तय समय सीमा के अंदर याचिका करता को भुगतान नगर पालिका सीएमओ से कराने का आदेश दिया, जिस पर कलेक्टर महोदय आशीष वशिष्ठ के द्वारा नगर पालिका पसान को आदेशित किया गया कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश पर निर्धारित समय सीमा के अंदर मुआवजा राशि का भुगतान याचिका करता को किया जाए ,परंतु कलेक्टर महोदय के आदेशों के बाद भी नगर पालिका सीएमओ शशांक ऑर्मो द्वारा उक्त आदेशों का पालन न करते हुए याचिका करता को मुआवजा का भुगतान नहीं किया, जिस पर पीड़ित महिला याचिका करता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में कोर्ट आफ कॉन्टैक्ट कोर्ट की आज्ञा की उलझन होने पर फिर से याचना की गई, जिस पर प्रतिवादी संख्या 5 मुख्य नगर पालिका अधिकारी शशांक आरमो के द्वारा अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से तर्क प्रस्तुत करते हुए कई अवसर मांगा गया , जिस पर लगातार कोर्ट की अवज्ञा होने से सुनवा ई पर माननीय उच्च न्यायालय ने सीएमओ पसान शशांक आरमो को दिनांक 19/12 /2023को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया ,जिस पर शशांक आरमो न्यायालय के समक्ष उपस्थित हु ए, जिस पर दोनों पक्षों के बहस के बाद उच्च न्यायालय जबलपुर के माननीय न्यायाधीश प्रस्तुत प्रस्तुतियां पर विचार करने के बाद प्रतिवादी संख्या 5 मुख्य नगर पालिका अधिकारी पसान शशांक आरमो को याचिका करता की मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित करने का सख्त आदेश दिया है , माननीय न्यायालय ने आदेशित किया है कि प्रतिवादी संख्या 5 अगली तारीख तक याचिका करता को भुगतान करें अन्यथा कार्यवाही होगी, माननीय न्यायालय ने शक्ति से यह कहा है कि इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश के जानबूझकर उलझन के लिए संबंधित प्रतिवादी के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है, माननीय न्यायालय ने यह भी कहा है कि याचिका करता को अगली तारीख तक भुगतान किया जाए ऐसा न करने पर प्रतिवादी संख्या 5 शशांक आरमो सूची तारीख 16/1/ 2024 को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहना होगा।