संदीप सोनी 

 उमरिया  - जल संसाधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन से पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमें महानदी पर वहद परियोजना के सर्वेक्षण कार्य होने के उपरांत बांध निर्माण की तैयारी चल रही है जैसे ही इसकी जानकारी ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने एक बैठक आहूत कर कहा कि बांध निर्माण को तत्काल रोका जाए नही तो खूनी संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती है। उमरिया जिले के लगभग 14 गांव को हटाने की तैयारी चल रही है जिसमें से उमरिया जिला से आते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं सरां, कुदरी, हरदुआ, अतरिया, पिपरिया, कटरिया, सरई, बेलगड़ा, बिलासपुर, बिरसिंहपुर, झिलमिली जैतपुरी, कोटल्दे एवं अन्य छोटे छोटे गांव जिनका उल्लेख नहीं किया गया है. उक्त बांध की प्रशासकीय स्वीकृति भी हो चुकी है। यह बांध कटनी जिले के ढीमरखेड़ा अंतर्गत बन रहा है जिसमें कटनी जिले के भी कुछ गांव शामिल है। यह सभी गांवका अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है। बांध बनने से इन गांवों का अस्तित्व समान हो जाएगा। इसमें शामिल किए गए सभी गाव इस डेम निर्माण कार्य से पूर्णत दूब क्षेत्र में आ रहे है जिससे इन गांव की मूल व्यवस्था ही समाप्त हो जाएगी

इन गांवों के रहवासी भय के साए में हैं और इस डैम के विरोध में उत्तर चुक है। ग्रामीणों ने मांग की है कि या तो इस निर्माण कार्य की स्वीकृति निरस्त कर दी जाए या फिर आम जनमानस इसे अपनी शक्ति आत्मसमर्पण करते हुए कार्य को रोकेंगे। आम जनमानस में बड़ा भय का माहौल व्याप्त हो गया है और इस डर के साए में आक्रोशित जनसैलाब सड़कों पर उतर रहा है। इस कार्य को तत्काल निरस्त किया जाए नहीं तो आम जनमानस आने वाले चुनाव में चुनाव का बहिष्कार भी करेगा और अपनी जान की बाजी लगाकर इस कार्य को रोकेगा इसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

न्यूज़ सोर्स : ipm