WHO ने किया सावधान: 12 से 35 वर्ष की आयु के 100 करोड़ से अधिक लोगों में बहरेपन का खतरा
कम सुनाई देने या बहरेपन का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। उम्र बढ़ने के साथ कानों की बीमारियां होना सामान्य माना जाता है पर हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आश्चर्यजनक रूप से पिछले कुछ वर्षों में कम आयु के लोगों में भी ये खतरा बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक हालिया रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, खास तौर पर ईयरबड्स और हेडफोन के बढ़ते उपयोग के कारण कम सुनाई देने और बहरेपन के मामले अब काफी ज्यादा हो गए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में सावधान करते हुए कहा, 12 से 35 वर्ष की आयु के एक बिलियन (100 करोड़) से अधिक लोगों में सुनने की क्षमता कम होना या बहरेपन का जोखिम हो सकता है। इसके लिए मुख्यरूप से लंबे समय तक ईयरबड्स से तेज आवाज में संगीत सुनने और शोरगुल वाली जगहों पर रहना एक बड़ा कारण माना जा रहा है। तेज आवाज वाले ये उपकरण आंतरिक कान को क्षति पहुंचाते हैं। सभी लोगों को इन उपकरणों का इस्तेमाल बड़ी सावधानी से करना चाहिए।