बांस से अनोखी कलाकृतियाँ बनाकर सशक्त बनीं सिवनी की निशा

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश कर रही हैं निशा ठाकुर और उनकी टीम। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से ये महिलाएँ बांस से सुंदर कलाकृतियाँ बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इसी पहल से प्रेरित होकर ग्राम छिड़िया पलारी की निवासी निशा ठाकुर ने इस योजना का लाभ उठाया और बांस की अनोखी कलाकृतियाँ बनाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई।
परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने का दृढ़ संकल्प
स्व-सहायता समूह से जुड़ने से पहले निशा ठाकुर के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। उनके पति बांस से हस्तकला उत्पाद बनाते थे, लेकिन इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए संसाधनों की कमी थी। जब भी अचानक पैसों की जरूरत पड़ती, तो परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ता।
स्व-सहायता समूह से मिली नई राह
इन परिस्थितियों को देखते हुए, निशा ठाकुर ने निर्मल स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने एक लाख रुपये का ऋण लेकर अपने पति के बांस कलाकृति व्यवसाय को विस्तार देने की योजना बनाई। समूह की अन्य महिलाओं ने भी इस कार्य में रुचि दिखाई और आज यह समूह अद्वितीय हस्तशिल्प कलाकृतियाँ तैयार कर रहा है।
बांस की कलाकृतियों की बढ़ती मांग
समूह द्वारा बनाई गई बांस की कलाकृतियाँ न केवल सिवनी जिले में बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध हो रही हैं। लोग घर की सजावट और दैनिक उपयोग के लिए इन कलाकृतियों को पसंद कर रहे हैं। यह व्यवसाय अब इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि समूह की अन्य महिलाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।