विकास के लिए गुणवक्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक , योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र तक पहुंचना जरूरी
भोपाल। मप्र के युवा कलेक्टरों ने विकसित भारत विजन 2047 पर अपना फोकस प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों के युवा कलेक्टर विकसित मध्यप्रदेश को लेकर शिक्षा स्वास्थ्य, अधोसंरचना विकास के साथ पंचायतों को अब आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने एवं आजीविका समूहों को प्रशिक्षण के साथ उनके उत्पादों के विपणन पर भी नीति बनाकर जमीनी स्तर पर कार्य करने की बात की जा रही है। सतत विकास लक्ष्य अनुसार इस कड़ी में रायसेन जिले के नवांगत कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने पदभार ग्रहण करते ही स्कूलों का भ्रमण कर साबित कर दिया है कि विकास के लिए गुणवक्तापूर्ण एवं प्रयोगिक शिक्षा आवश्यक है। इतना की कलेक्टर द्वारा नई सोच के साथ अब पंचायतों के विभागीय कार्य के साथ जमीनी स्तर पर बदलाव हेतु पंचायतों को आर्थिक गतिविधि से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कहकर विकास की दिशा में नवाचार की उम्मीद भी जगा दी है।
रायसेन कलेक्टर द्वारा लगातार क्षेत्र का दौरा किया जा रहा है। आज ओबेदुल्लागंज विकासखण्ड के जनपद में आयोजित बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आजीविका मिशन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने उपस्थित अधिकारियो, एडीईओ, पीसीओ, सचिव, जीआरएस को निर्देश दिए कि शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र और जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाया जाए। साथ ही सीएम हेल्पलाईन में प्राप्त होने वाली शिकायतों का भी त्वरित समाधान किया जाए।
कलेक्टर द्वारा आजीविका मिशन की गतिविधियों की जानकारी लेते हुए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु उन्हें स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित किए जा रहे उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने कार्ययोजना बनाकर काम करें। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा करते हुए अभी तक के लक्ष्य और उनकी पूर्ति की जानकारी लेते हुए एक सप्ताह में स्वीकृति के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों को निर्देश दिए कि समय सीमा में कार्य पूर्ण किए जाएं। कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान की जानकारी लेते हुए ग्रामीणों को स्वच्छता हेतु प्रेरित करने के लिए कहा। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।