रामगोपाल साहू वरिष्ठ पत्रकार 

ओबेदुल्लागज (संवाददाता ) संत कवीर दास की जयंती अर्जुन नगर के संत संतोखसिंह भजनगढ गुरुद्वारा मे मनाई गई ! सुबह 9 बजे से सुखमणी साहिब का पाठ प्रारंभ हुआ,, तत्पश्चात भजन कीर्तन,,फिर प्रसिद्ध कथाकार जगजीत सिंह (जीते भैया) ने संत कवीर दास के जीवन पर बताया कि सिख संप्रदाय के गुरुदेव अर्जुन देव जी ने कवीर दास के बारे मे तत्कालीन समय एक ग्रंथ मे लिखा था कि,,, तनना-बुनना त्याग के प्रभु प्रीत चरण कवीरा,,,
नीच कुला जुलाहि हो भयो गुणी गहीरा,,, कथाकार ने कहा कि संत कवीर दास जुलाहे (कपडा बुनाई) का काम करते थे,, उन्होने अपना बुनाई का काम छोड कर भगवान श्रीराम से प्रीत कर ली,, वे जुलाहा समाज के थे,, उस समय जुलाहा को नीच जाति का समझा जाता था,, जब उनका मन श्रीराम की भक्ति मे रम गया था,, तब उनको सभी लोग सम्मान की दृष्टि से देखने लगे थे,,
कथा के बाद हरस्वरुप सिह ने भजन कीर्तन भी प्रस्तुत किऐ,,दोपहर 1-30 बजे गुरु घर के बजीर भगवान सिंह ने अरदास की !
कवीर दास जयंती कार्यक्रम मे सुरजीत सिंह बिल्ले भैया,, गुरुपाल सिंह,, ब्राम सिह भूकिया,, रघुवीर सिंह,, अरुण भावषार,, छोटे लाल दसोरे,, पार्षद सुनील सेरिया,, गंगाराम टेलर,, आदि सहित माताऐ बहने बडी संख्या मे उपस्थित थे  !

न्यूज़ सोर्स : ipm