मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में गुम हुईं लड़कियां,अकेले मप्र 68700 का पता नहीं
बंबई- उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र से गुमशुदा लड़कियों से जुड़ी एक जनहित याचिक पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में दावा किया गया है कि पूरे महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लड़कियां गुमशुदा हैं। याचिकाकर्ता ने इनका पता लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
महाराष्ट्र में लड़कियों के गुमशुदा होने का मामला क्या है?
भारतीय सेना के पूर्व सैनिक शाहजी जगताप ने बंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। जगताप वर्तमान में सरकारी खजाने में लेखा लिपिक के पद पर हैं। दिसंबर 2021 में उनकी बेटी गुमशुदा हो गई थी। स्थानीय पुलिस स्टेशन के कई चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें पता चला कि बेटी की तलाश के लिए कोई खास कोशिश नहीं की गई। बेटी के गुमशुदा होने के कुछ दिनों बाद, जगताप को पुलिस ने बताया कि उसने इस्लाम अपना लिया है और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली है। याचिकाकर्ता को पुलिस स्टेशन में बेटी से केवल कुछ पल की मुलाकात हुई और उसके कठिन निर्णयों के पीछे की परिस्थितियों के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं है। याचिका में कहा गया है कि उनकी बेटी को अचानक खोने से उनकी पत्नी को गंभीर भावनात्मक कष्ट पहुंचा, जिन्हें अब लगातार इलाज की जरूरत है।
देश भर में ऐसे कितने मामले आते हैं?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) देश भर में होने वाले अपराधों से आंकड़े जुटाता है। ब्यूरो इन अपराधों अपराधों पर से जुड़े डेटा 'भारत में अपराध' नाम की रिपोर्ट में प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट साल 2022 की है। इस रिपोर्ट में गुमशुदा लोगों की संख्या, कुल गुमशुदा, वर्ष के दौरान कुल बरामद/पता लगाए गए और वर्ष के अंत में बरामद/पता नहीं लगाए गए लोगों के आंकड़े होते हैं।