ग्रामीण अंचलों में जीवंत उपस्थित दर्ज कर ठोस विकास कार्य की दिशा में कार्य करें परिषद के समन्वयकः मोहन नागर
म.प्र. जन अभियान परिषद् के मान. उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर द्वारा कार्यपालक निदेशक डॉं. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय जी की उपस्थिति में परिषद् के संभाग एवं जिला समन्वयकों से वर्चुअल रूप से प्रथम संवाद किया गया।
परिषद् के उपाध्यक्ष श्री नागर द्वारा बैठक में संभाग/जिला समन्वयकों से परिचय पश्चात परिषद द्वारा किये जा रहे कार्यो को प्रभावी ढंग से करने हेतु दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन दिया गया।
• परिषद् द्वारा में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाये।
• प्रवास अंतर्गत संभाग/जिला/विकासखण्ड के सम्पूर्ण क्षेत्र में योजना बनाकर जीवंत उपस्थिति दर्ज करें।
• प्रवास के समय आवश्यक रूप संवेदन शील गतिविधियों की भी जानकारी रखे।
• सीएमसीएलडीपी/प्रस्फुटन/नवांकुर/स्वैच्छिक संगठन के सदस्यों के साथ बैठक के विषय समसामयिक/देश/विदेश में चल रहे प्रमुख सामाजिक/क्षेत्रीय विषयों पर प्रबोधन करे।
• नदी/तालाब/सरोबर/अन्य जल स्त्रोत की स्वच्छता का कार्य प्रात: 06:00 बजे से 08:00 बजे तक करे।
• वृक्षारोपण हेतु वृक्षविहीन पहाडी एवं क्षेत्रों का चिन्हांकन करें। चिन्हित स्थानों पर त्रिवेणी, हरी शंकरी/पाकड, पंचवटी आदि प्रकार के पौधों का रोपण करवाये।
• मान. उपाध्यक्ष महो. के प्रवास के दौरान नवांकुर/प्रस्फुटन संस्थाओं के साथ पौधा रोपण का कार्यक्रम अवश्य रखे जिसमें पौधों का उचाई लगभग 4 से 5 फीट रहें तथा लोहे का ट्री-गार्ड की व्यवस्था अवश्यक करें।
• जल संरक्षण हेतु बोरी बंधान/स्टाप डेम/पटिया डेम आदि संरचना के निर्माण हेतु कलेक्टर/कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से समन्वय कर योजना तैयार करे ताकि उक्त कार्य माह अक्टूबर, नवम्बर में किया जा सकें।
• सभी विकासखण्डों में जैविक कृषि करने वाले एवं इच्छुक किसानों की जानकारी तैयार करें।
• संभाग/जिला/विकासखण्डों समन्वयक अपने प्रस्तुतीकरण में आकडों एवं तथ्यों पर आधारित रहें।
इसी क्रम में कार्यपालक निदेशक डॉ. पाण्डेय द्वारा निम्नानुसार निर्देश दिये गये-
• प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में प्रस्फुटन समितियों को गठन होना आवश्यक है। जिन ग्राम पंचायतों में प्रस्फुटन समितियों का गठन नहीं हुआ है उसकी जानकारी विकासखण्डवार 07 दिवस में राज्य कार्यालय को प्रेषित करें।
• नर्मदा कछार की सभी ग्राम पंचायतों में निर्मित नर्मदा सेवा समिति/प्रस्फुटन समितियों की जानकारी 07 दिवस में राज्य कार्यालय को प्रेषित करें।
• आर्दश ग्राम के चिन्हांकन हेतु राज्य कार्यालय द्वारा जारी विस्तृत दिशा निर्देश उपरांत ही कार्य करना सुनिश्चित करें।