पूरे देश में 66.27 प्रतिशत एमएसएमई इकाईयों का स्वामित्व आरक्षित वर्ग के हाथ में है। सवर्णों व अल्पसंख्यकों के हाथ में 32.95 प्रतिशत उद्यम हैं। बाकी एमएसएमई यूनिट संचालकों ने अपना जातिगत विवरण नहीं दिया है।

मप्र में मिलती है  40 फीसदी सब्सिडी  

एमएसएमई के आयुक्त  पी नरहरि  के अनुसार  एमएसएमई सेक्टर में निवेश को लेकर बढ़िया उत्साह देखने को मिल रहा है। हमारे पास निवेश से संबंधित कई सारे प्रस्ताव आए हैं। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट में हमने अलग-अलग सेशन रखे थे। अलग-अलग सेशन के जरिए हमने लोगों को अपनी पॉलिसी बताई है। उन्होंने कहा कि हमारे पास  50 हजार करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। मल्टी प्रोडक्ट यूनिट को लेकर ज्यादा प्रस्ताव आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां निवेश करने वाले लोगों को सब्सिडी देते हैं। प्लांट और मशीनरी पर 40 फीसदी सब्सिडी देते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप यहां से चीजों को एक्सपोर्ट करते हैं। यहां के युवाओं को रोजगार देते हैं। हम कई सारे क्षेत्रों में रियायत देते हैं। एमएसएमई कमिश्नर पी नरहरि ने कहा कि कोई भी प्रदेश इतना कुछ नहीं कर सकता है, जितना मध्यप्रदेश कर रहा है। वहीं, उन्होंने invest.mp.gov.in पर जाकर लोग निवेश का प्रस्ताव दें। इसके बाद हमारे लोग उनको बुलाएंगे। हमारे लोग ही उनका पेपर वर्क करवा देंगे। साथ ही सारी जरूरी कार्रवाई हमारे लोग करवा देंगे।

न्यूज़ सोर्स : ipm