जबलपुर. एक समय था जब कोदो-कुटकी और रागी का नाम सुनते ही लोग मुंह फेर लेते थे. इसे सिर्फ आदिवासियों और गरीबों का खाना माना जाता था, लेकिन अब एमपी के सुपरफूड यानी रागी, कोदो-कुटकी अमीरों का भी पसंदीदा बन चुके हैं. महाकौशल क्षेत्र में इनकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है, जिसमें मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा और जबलपुर जिले शामिल हैं.

शुगर, ब्लड प्रेशर और मोटापे से पीड़ित मरीजों के लिए ये मिलेट्स रामबाण माने जाते हैं. इसलिए महाकौशल में श्री अन्न की खेती लगातार बढ़ रही है. यह एक प्रकार की प्राकृतिक खेती है, जिसके लिए भूमि का खास परीक्षण नहीं करना पड़ता. श्री अन्न बंजर भूमि में भी उगाया जा सकता है. राज्य सरकार और भारत सरकार भी श्री अन्न की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दे रही है.

जानते हैं सुपरफूड के फायदे
कोदो-कुटकी और रागी मोटे अनाज हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. ये अनाज फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. खास बात यह है कि इन सुपरफूड में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अल्सर जैसी बीमारियों को रोकने की क्षमता होती है. इतना ही नहीं, इन अनाज को खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है क्योंकि कोदो और कुटकी में उच्च फाइबर और प्रोटीन सामग्री होती है.

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