मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की सबसे सक्रिय और चुस्त दुरुस्त कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। ग्वालियर के पत्रकार श्री प्रवीण चतुर्वेदी की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इसकी विधिवत जानकारी भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व को दे दी है। 

पार्टी ने पुनर्विचार के लिए कहा परंतु यशोधरा राजी नहीं 

बताया गया है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा परंतु वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि और भी कई मंत्री चुनाव लड़ने से इनकार कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने अगस्त के महीने में ही चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया था। यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश की शिवपुरी विधानसभा से विधायक हैं। 

यशोधरा राजे चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहती

यशोधरा राजे सिंधिया की ओर से खराब स्वास्थ्य इसका मुख्य कारण बताया गया है। बताया गया है कि वह चार बार कोविद-19 का शिकार हो चुकी है। अब शारीरिक तौर पर परिश्रम करने की स्थिति में नहीं है। चुनाव की भाग दौड़ नहीं कर पाएंगी। उन्हें कम से कम 5-6 महीने आराम की जरूरत है। 

यशोधरा राज्य के मैदान छोड़ने के पीछे की चर्चाएं

दावा किया जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में जो हश्र श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का हुआ है विधानसभा चुनाव 2023 में वही हश्र यशोधरा राजे सिंधिया का भी होने वाला है। शिवपुरी विधानसभा में उनके जबरदस्त विरोध देखा जा रहा था। उन्होंने परिस्थितियों को अपने अनुकूल करने की हर संभव कोशिश की, परंतु सफल नहीं हो पाई। विधानसभा क्षेत्र में उनके कट्टर विरोधी नेता (जो भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में है) एकजुट होने लगे थे। उनके कई वफादार और विश्वास नहीं है समर्थक उनके साथ छोड़ चुके हैं। 

मध्य प्रदेश की सबसे एक्टिव मंत्री हैं, स्वास्थ्य कोई समस्या नहीं 

राजधानी में भाजपा के नेताओं का कहना है कि यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश की सबसे एक्टिव मंत्री हैं और स्वास्थ्य उनके लिए कोई समस्या नहीं है परंतु संगठन उनके लिए बड़ी समस्या है। कितना परिश्रम करने के बावजूद ना तो सरकार में और ना ही संगठन में उन्हें कोई महत्व मिला। सरकार और संगठन में बैठे नेताओं को जब भी मौका मिला उन्होंने यशोधरा राजे सिंधिया को नुकसान पहुंचाने और परेशान करने की कोशिश की है।

 

न्यूज़ सोर्स : ipm