नौरादेही सेंचुरी में जल्द ही पहली भेड़ियों पर स्पेशल रिसर्च
सागर: मध्य प्रदेश की पहली भेड़िया नौरादेही सेंचुरी में अब जल्द ही भेड़ियों पर स्पेशल रिसर्च होने जा रही है. नौरादेही अभ्यारण की मुख्य पहचान यहां के इंडियन ग्रे नस्ल के भेड़ियों पर यह शोध कार्य किया जाएगा. 2 साल स्पेशल रिसर्च मध्य प्रदेश राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के वन्य प्राणी वैज्ञानिक करेंगे.
नौरादेही में यह देखा जा रहा है कि भेड़ियों की मूवमेंट अधिकतर किन इलाकों में है. उन स्थानों को भी चिन्हित किया जा रहा है. प्रोजेक्ट अप्रूव होने के बाद नौरादेही का दल इसमें लगा हुआ है. बता दें कि टाइगर की तरह एमपी को वुल्फ स्टेट का दर्जा दिलाने वाला भेड़िया एक समय नौरादेही में बहुतायत पाया जाता था, हालांकि अभी इसकी संख्या कम नहीं हुई है. देश में भेड़ियों की मौजूदगी का यह सबसे बड़ा अभ्यारण है, नौरादेही अभ्यारण मध्य प्रदेश के 3 जिले सागर, दमोह और नरसिंहपुर में फैला हुआ है.
क्षेत्रफल की दृष्टि से यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण भी है. भेड़ियों के अलावा नौरादेही में 15 टाइगर भी पाए जाते हैं, जिनमें 10 से अधिक एडल्ट हैं. नौरादेही वन मंडल के डीएफओ डॉ. एए अंसारी ने बताया की नौरादेही में पाए जाने वाले भेड़ियों की बसाहट उनके आवासीय वितरण यानी वह किस किस रेंज से अधिक संख्या में है. उनकी ब्रीडिंग टाइगर की संख्या बढ़ने के बाद वन्य प्राणियों के बीच अब उनकी भूमिका क्या है इस पर यह शोध कार्य किया जाएगा.
आगे बताया कि जिस तरह बाघ, चीता, तेंदुआ कैट यानी बिल्ली परिवार के सदस्य माने गए हैं, उसी तरह से भेड़िया केनीडाए फैमिली का जानवर है. इस फैमिली में मानव समुदाय के साथ रहने वाला कुत्ता भी शामिल है, जबकि अन्य जानवरों में सियार लोमड़ी जंगली कुत्ता शामिल है.