मप्र में सोशल मीडिया पर पांच प्रतिशत फालोअर नहीं तो टिकट पर विचार करेगा भाजपा संगठन
भोपाल । मध्य प्रदेश में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश भाजपा और राज्य सरकार मतदाताओं से जीवंत संपर्क बनाना चाहती है। इसलिए स्थानीय नेताओं के बाद मंत्रियों और विधायकों को भी इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने और अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम पांच प्रतिशत मतदाताओं को फालोअर बनाने के निर्देश दिए हैं। मंत्रियों को इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रखने के लिए राज्य सरकार संसाधन भी उपलब्ध करा रही है। विभिन्न इंटरनेट माध्यमों पर उनके खाते भी खोले गए हैं। सरकार का मानना है कि मंत्री और विधायक इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आमजन से जुड़ेंगे तो केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। वे अपनी बात सीधे मंत्री या विधायक तक पहुंचा सकेंगे। जबकि राजनीति के जानकार कहते हैं कि यह विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनता से सीधे जुड़ाव से जुड़ा मामला है।
मध्य प्रदेश में साढ़े सात करोड़ से ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता हैं। इनमें से 95 प्रतिशत उपभोक्ता एंड्राइड फोन का इस्तेमाल करते हैं। वे वाट्सएप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम सहित अन्य प्लेटफार्म पर हैं। सत्ता और संगठन का मानना है कि मोबाइल के जरिए प्रत्येक मतदाता तक पहुंचा जा सकता है। इसीलिए स्थानीय नेताओं, मंत्रियों-विधायकों को बार-बार इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने को कहा जा रहा है। अब चुनाव सामने हैं, ऐसे में सरकार ने भी मंत्रियों को फालोअर बढ़ाने को कह दिया है ताकि इंटरनेट मीडिया पर ही सही, क्षेत्र में मंत्री सक्रिय दिखाई दें। उन्हें पार्टी से सीधे जुड़े या संपर्क में रहने वाले मतदाताओं द्वारा विभिन्न माध्यमों में की गई पोस्ट को लाइक, शेयर करने को भी कहा गया है।
उनसे कहा गया है कि जब स्थानीय कार्यक्रमों में जाएं, तो आसपास की बस्ती में भी घूम आएं। यही बात संगठन ने विधायकों को भी कही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों वन-टू-वन चर्चा में इसे लेकर साफ निर्देश दिए थे। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर मंत्री इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हुए हैं पर कुछ मंत्री अपेक्षाकृत फालोअर नहीं बढ़ा पाए हैं।
चार मंत्री पांच प्रतिशत फालोअर भी नहीं बना पाए मंत्री और विधायकों ने इंटरनेट मीडिया पर कितने फालोअर बनाए, इसकी लगातार मानीटरिंग की जा रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक शिवराज सरकार के 31 में से चार मंत्री ऐसे हैं, जो इंटरनेट मीडिया पर पांच प्रतिशत फालोअर भी तैयार नहीं कर पाए हैं। यही कारण है कि मंत्रियों के फालोअर बढ़ाने के लिए जिला और विकासखंड स्तर पर 25 हजार कार्यकर्ताओं को इंटरनेट मीडिया ओरिएंटेशन दिया गया है। इंटरनेट मीडिया एनालिस्ट नियुक्त किए गए हैं। सभी विभागों, मंत्री-विधायकों द्वारा इंटरनेट मीडिया के उपयोग का निगरानी तंत्र तैयार कर प्रशिक्षण शुरू कराया गया है।