किसानों के दो लाख तक के ऋण माफ, परंपरागत ग्राम प्रधानों की सम्मान राशि हुई दोगुनी
झारखंड में किसानों के दो लाख रुपए तक के ऋण माफ किए जाएंगे। 31 मार्च 2020 तक जिन किसानों ने 50 हजार से लेकर दो लाख तक का लोन लिया है, उसे ‘वन टाइम सेटलमेंट’ के जरिए माफ किया जाएगा। सरकार ने ऋण माफी की घोषणा इस साल फरवरी में पेश किए गए बजट में ही की थी। अब इससे संबंधित प्रस्ताव को बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। इसके पहले राज्य के 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किए जा चुके हैं। इस मद में सरकार की ओर से 1,900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बैंकों को दी गई थी।
कैबिनेट ने लिया ये खास निर्णय
कैबिनेट ने राज्य में पारंपरिक ग्राम स्वशासन व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधानों और विभिन्न स्तर के पदधारकों की सम्मान राशि में दोगुनी बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया है। अब पारंपरिक ग्राम स्वशासन के तहत मानकी और परगनैत को प्रतिमाह तीन हजार के बदले छह हजार रुपए और मुंडा एवं परगनैत को दो हजार के बदले चार हजार रुपए की सम्मान राशि मिलेगी। इसके अलावा डाकुआ, पराणिक, जोगमांझी, कुड़ाम नायकी, नायकी, गोडैत, मूल रैयत, ग्रामीण दिउरी, पड़हा राजा, घटवाल और तावेदार को प्रतिमाह दो हजार रुपए दिए जाएंगे। सम्मान राशि में वृद्धि के बाद सरकार के खजाने से करीब 89.59 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इसका लाभ एक दिसंबर 2004 कर्मियों को मिल सकेगा
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, राज्य के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों के टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ को ओल्ड पेंशन स्कीम के दायरे में लाने की स्वीकृति दी गई। इसका लाभ एक दिसंबर 2004 और उसके बाद की तिथि से नियमित कर्मियों को मिल सकेगा। राज्य के कोडरमा और चाईबासा में 100-100 एमबीबीएस सीटों वाले नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए नियमों के अनुसार शैक्षणिक पदों के सृजन की भी मंजूरी दी गई।