गुदड़ी में भी छुपे हुए हैं कई माई के लाल......? पर मौका तो मिले...

क्या मैं भारत का लाल नहीं हूं? क्यों तन पर चिथड़े हैं मेरे? क्यों मन मेरा रीता उदास है? क्यों ईश्वर मुझसे छिपा हुआ है? क्यों जीवन बोझ बना हुआ ...
रश्मिरथी ओज गुणों से परिपूर्ण काव्य है।
Nidhi Talks
न्यूज़ सोर्स :