6 दिसंबर को भगवान राम का विवाह, दुल्हन की तरह सज रही जनकपुरी
AYODHYA- 'विवाह पंचमी' की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही देवी सीता के मायके जनकपुर का कायाकल्प हो रहा है। भगवान श्री राम की बारात अयोध्या के जनकपुर के लिए रवाना हो गई. सैकड़ो की संख्या में बराती रामलला के बारात में शामिल हैं, जिसमें अयोध्या ही नहीं भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग अयोध्या पहुंचे हैं। यहां गाजे-बाजे के साथ भगवान श्री सीताराम के स्वरुप भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमा के साथ 51 तीर्थ स्थलों का पवित्र जल लेकर के राम बारात नेपाल जनकपुर के लिए रवाना हुई है.. उधर नेपाल में कलाकारों द्वारा दिवारों को भगवान राम एवं मा सीता के जीवन चरित्र में रंगा जा रहा है। नेपाल जनकपुर दुल्हन की तरह सज गई है।
कलाकार शहर के चारों ओर दीवारों पर रामायण के पवित्र ग्रंथ के दृश्यों को चित्रित करने वाले भित्तिचित्र बनाने में व्यस्त हैं, जो प्राचीन शहर को एक नया और ताजा रूप दे रहे हैं।
कलाकार पूनम झा इन दिनों मिथिला कला तकनीक का उपयोग करके रामायण की प्रमुख घटनाओं को दर्शाते हुए जनकपुर की दीवारों को भित्तिचित्रों से उकेरने में व्यस्त हैं।
भगवान श्री राम की बारात अयोध्या से जनकपुर के लिए रवाना हुई है, जिसमें 14 दिन का मांगलिक कार्यक्रम होगा. भगवान की बारात आज अयोध्या से निकली है, जो 3 दिसंबर को विभिन्न मार्गो से होते हुए जनकपुर पहुंचेगी. जनकपुर तक भगवान श्री सीताराम के विवाह की बारात का जगह-जगह स्वागत होगा.
6 दिसंबर को होगा विवाह
विवाह पूर्व धार्मिक अनुष्ठान 4 और 5 दिसंबर को किए जाएंगे. विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है. भगवान श्री सीताराम जी का विवाह जनकपुर में होगा. जहां 18 बीघा में भगवान श्री सीताराम के विवाह की तैयारी का पंडाल लगाया गया है. 14 दिन तक धार्मिक अनुष्ठान होगा. विवाह के उपरांत भगवान श्री राम का कलेवा होगा और 8 दिसंबर को बारात अयोध्या के लिए रवाना की जाएगी.इस साल की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के बाद यह पहला बिबाह पंचमी उत्सव होगा। हर साल, मार्गशीर्ष महीने के पांचवें दिन, भक्त दिव्य विवाह के दिन बिबाह पंचमी मनाते हैं।
कलयुग में दिखा त्रेता युग का नजारा
कलयुग में त्रेता का नजारा भगवान श्री राम के विवाह में देखने को मिल रहा है. ऐसा उत्साह लग रहा है कि कलयुग में भी इस तरह की बारात नहीं निकाली होगी. जगह-जगह लोग नाचते हुए झूम रहे हैं. भगवान के भजन गा रहे हैं. ऐसे में सीता-राम के विवाह का विवाह पंचमी को सीता-राम का विवाह होता है. त्रेता युग की परिकल्पना आज भी साकार होती है.
भारत और नेपाल के सांस्कृतिक रिश्तों में मजबूती आएगी, तो एक बार फिर लोग भगवान राम और मां सीता के विवाह में शामिल होकर खुद को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं. भगवान राम लाल के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहला मौका है. जब भगवान के विवाह का यह उत्साह देखने को मिल रहा है.
टोली १:- जनकपुर मिथिला आर्ट ग्यालरी // सोनम कर्ण
टोली २:- Poonam mithila art gallery // Poonam jha
फोटो _अर्थ नेपाल