स्मार्ट फोन केवल हमारे ही नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन का भी खास हिस्सा बन चुका है। इसके बिना अपनी जिंदगी की कल्पना करना भी मुश्किल नजर आता है, लेकिन जितने इसके फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं। हाल ही में, कोरिया में हुई एक स्टडी में इससे टीनेजर्स पर होने वाले नुकसानों के बारे में एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। इस स्टडी में पाया गया कि जो टीनेजर्स एक दिन में 4 घंटे से अधिक स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ने का खतरा अधिक रहता है।

यह स्टडी प्लोस वन जर्नल में पब्लिश की गई, जिसके लिए करीब 50,000 टीनेजर्स के डाटा का विशलेषन किया गया। इसमें वे कितनी देर फोन का इस्तेमाल करते हैं और उनकी सेहत के बारे में डाटा शामिल किया गया। इसमें पाया गया कि वे बच्चे, जो एक दिन में 4 घंटे से अधिक समय तक फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनका स्ट्रेस लेवल अधिक होता है। उनमें आत्महत्या के विचार और ड्रग्स के इस्तेमाल जैसे ख्याल भी अन्य बच्चों की तुलना में अधिक होते हैं। इसलिए स्मार्ट फोन का सही इस्तेमाल और अधिक समय तक न इस्तेमाल करने की जरूरत है। आइए जानते हैं किन तरीकों से कर सकते हैं अपने बच्चों के फोन टाइम को मैनेज।

स्क्रीन टाइम लिमिट लगाएं

हर स्मार्ट फोन में स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करने का फीचर मौजूद होता है। इसका इस्तेमाल कर आप अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम कर सकते हैं। स्क्रीन टाइम कम होने की वजह से बच्चों का स्ट्रेस लेवल कम होता है और उनका दिमाग बेहतर तरीके से रिलैक्स कर पाता है। इससे उनकी सेहत भी बेहतर रहती है और वे अन्य दूसरी फिजिकल एक्टिविटीज में हिस्सा लेते हैं।

उनके कमरे में फोन न रखें

बच्चों के कमरे में स्मार्ट फोन होने की वजह से, वे आसानी से फोन का इस्तेमाल कर पाते हैं और फोन बंद करने का समय बंद कर देते हैं। इसलिए उनके कमरे में स्मार्ट फोन न रखें, खासकर रात को सोते समय तो बिल्कुल भी नहीं। बच्चों के कमरे में स्मार्ट फोन रख कर सोने से, उनका ध्यान बार-बार इस ओर आकर्षित हो सकता है, जिस कारण से उनकी नींद पूरी होने में भी रुकावट आती है। इसलिए स्मार्ट फोन को उनके कमरे से बाहर रखें।

नुकसानों के बारे में बताएं

बच्चों के साथ, स्मार्ट फोन के अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों के बारे में चर्चा करें। इससे वे इस बात को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि आप उन्हें बार-बार फोन का इस्तेमाल करने से क्यों रोकते हैं। इसलिए इससे होने वाली हानि के बारे में उन्हें बताएं।

न्यूज़ सोर्स : ipm