युवाओं के लिए फैशन बन रहे नशीले पदार्थ, अचानक मौत का खतरा बढ़ा
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भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (NISD) नई दिल्ली के दिशानिर्देशन में भारत सरकार के राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी मध्यप्रदेश जिला नशा मुक्ति अभियान संगठन द्वारा भोपाल के नर्मदापरम मार्ग स्थित बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी में अध्यनरत छात्रों को नशीली वस्तुओं के घातक दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराकर नशीले पदार्थों से दूर रखने के उद्देश्य से एक दिवसीय नशा मुक्ति जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के नशामुक्ति एवं पुनर्वास सलाहकार व SLCA के director धनेंद्र हनवत ने कहा कि आजकल नशा फैशन बनता चला जा रहा है।युवा गलत संगत में पड़कर नशे को फैशन मान लेना युवा वर्ग की सबसे बड़ी कमजोरी है।
दूसरों की देखा-देखी कर लोग नशा करने लग जाते हैं। अपने आपको आधुनिक बनाने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो लोग अवैध रूप से नशीले पदार्थों का व्यापार करते है वे लोग भी नशा करने वाले युवा वर्ग की कमजोर सोच का फायदा उठाते हुए युवाओं को नशे के व्यापार में लगा देते हैं। इसके लिए जरूरी है कि युवा अपने आपको मजबूत बनाएं और गलत संगति से बचें। कोई भी परेशानी अपने माता-पिता के साथ में शेयर जरूर करें।
वर्तमान समय में बहुत बड़े युवा वर्ग का नशे में चूर रहना एक फैशन सा बनते जा रहा हैं। न केवल युवक, अपितु की लड़कियां भी इसकी आदी हो रही हैं। नशे की लत का शिकार युवा न केवल अपने परिवार के लिये अभिशाप बन जाता है, अपितु समाज व राष्ट्र के लिए भी कलंक साबित होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में युवा पीढ़ी के भविष्य को नशे के गर्त में डूबने से युवाओं बचाना हम सबका दायित्व है।
दूसरा बड़ा कारण हैं सहनशक्ति की कमी। युवा आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते हैं और फिर वे नशीले पदार्थों का सेवन करते हुए नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता व मित्रों को चाहिए कि वे अपने बच्चों व मित्रों को इन हालात से लडऩा सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं।
युवा वर्ग में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति वास्तव में चिंताजनक है। युवा उचित मार्गदर्शन के अभाव में भी नशा करते हैं। किशोरावस्था के बालकों पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए । हर समय उनकी संगत पर निगाह रखी जाए। संगत ठीक होगी तो बच्चों के नशे के जाल से फसने से बचाया जा सकता हैं।
नशीले पदार्थों तक युवाओं की पहुंच का आसान होना भी युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति का एक बड़ा कारण हैं। नशे की उपलब्धता एवं पहुंच आसान होने से भी बच्चों में नशा की प्रवृत्ति बढ़ी है। संयुक्त परिवार का विघटन होने से भी युवाओं को अधिक स्वतंत्रता मिली है। मीडिया ने भी नशे के कारोबार को प्रचारित किया है। वर्तमान में बढ़ती बेरोजगारी में मानसिक अवसाद दूर करने के लिए भी युवा नशे का सहारा लेते हैं। अत: इन सब पर ध्यान देकर हमें समस्या का निराकरण करना होगा। इस दौरान बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी में अध्यनरत छात्रों ने उपस्थित रह कर अपने जीवन व समाज को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया