आखिर किस कंपनी ने बनाया अयोध्या का रामपथ?
अयोध्या में बनी 13 किलोमीटर लंबी एक सड़क का नाम रामपथ रखा गया है. पहली बारिश के बाद ही यह सड़क अब योगी आदित्यनाथ सरकार की किरकिरी करवा रही है. सड़क में कई गढ्ढे होने के बाद प्रदेश सरकार ने 6 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही, उस कंपनी को भी नोटिस जारी कर दिया गया है जिसने इस सड़क का निर्माण किया था. बता दें कि इस सड़क को बनाने की लागत 844 करोड़ रुपये रखी गई थी और दिसंबर 2023 में इसका काम पूरा किया गया था.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ ही कई विकास कार्य शुरू किए गए थे. अयोध्या को शानदार शहर बनाने के लिए कई सड़कों के चौड़ीकरण, नालियों का निर्माण और शहर का सुंदरीकरण शुरू किया गया. जब यह तय हुआ कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी तो काम की रफ्तार बढ़ा दी गई. अब बारिश आते ही इस 'रफ्तार' की पोल खुल गई है. अयोध्या में हुए ज्यादातर कामों के पीछे की लापरवाही सामने आने लगी है. अंजाम यह हुआ है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 6 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं, अयोध्या में रामपथ नाम से सड़क बनाने वाली कंपनी को नोटिस जारी कर दिया गया है और उससे जवाब मांगा गया है.
अयोध्या में बने रामपथ की लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है. यह रास्ता पुराना ही है लेकिन इसे नए सिरे से बनाया गया है. पुरानी सड़क को चौड़ा किया गया है, इसके लिए सैकड़ों दुकानों और घरों को भी तोड़ा गया था. यह सड़क हाइवे पर बसे सआदतगंज को नयाघाट से जोड़ती है. राम मंदिर के पास श्रीरामजन्मभूमि मार्ग इसी सड़क से शुरू होता है और राम मंदिर तक जाता है. इस सड़क के दोनों किनारों पर बनी इमारतों को भी कॉमन बिल्डिंग कोड के तहत बनाया और कलर किया जा रहा है.
अयोध्या में क्या हुआ?
हाल ही में हुई बारिश में कई कामों में खामियां नजर आईं. ऐसी कई जगहों पर जलभराव हो गया, जहां नए निर्माण किए गए थे. जलभराव के चलते सड़कें धंस गईं और कई जगहों पर बड़े-बड़े घड्ढे हो गए. सोशल मीडिया पर इन गड्ढों की तस्वीरें वायरल हुईं तो सरकार भी एक्शन में आईं. रामपथ पर ही कम से कम 10 जगहों पर सड़क में गड्ढा होने या सड़क धंस जाने के मामले सामने आए हैं. यह वही सड़क है जिस पर जनवरी महीने में पीएम मोदी ने एक रोडशो किया था और नए सिरे से हुए कामों के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ की थी.
अब योगी सरकार ने कुल 6 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. इसमें PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ध्रुव अग्रवाल, अस्सिटेंट इंजीनियर अनुज देशवाल और जेई प्रभात पांड के नाम शामिल हैं. इनके अलावा, ल निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आनंद दुबे, एई राजेंद्र कुमार यादव और जेई मोहम्मद शाहिद भी शामिल हैं. इन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के साथ-साथ योगी सरकार ने उस कंपनी को भी नोटिस भेजा है जिसको यह सड़क बनाने का ठेका दिया गया था.
कौन है वह कंपनी?
इस सड़क को बनाने का ठेका गुजरात की भुगन इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. सड़क को बनाने के लिए 844 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. जनवरी 2023 में शुरू हुआ इस सड़क का निर्माण कार्य तीन फेज में किया गया. पहले चरण में नया घाट से राम मंदिर तक कुल 4.5 किलोमीटर, दूसरे चरण में राम मंदिर से सर्किट हाउस तक कुल 3 किलोमीटर और तीसरे चरण में सर्किट हाउस से सआदतगंज बाईपास तक कुल 5.4 किलोमीटर की सड़क बनाई गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, 11 नवंबर 2023 को अयोध्या में दीपोत्सव होना था. ऐसे में सरकार ने निर्देश दिए कि इस काम को समय से पहले पूरा किया जाए. भुगन इन्फ्रा ने आनन-फानन में काम निपटाया और टाइमलाइन से 120 दिन पहले यानी 30 दिसंबर 2023 को हैंडओवर दे दिया. उसी समय से सड़क निर्माण में लापरवाही की बातें सामने आने लगी थीं. अयोध्या के रामपथ को लेकर जारी हुए नोटिस के बारे में कंपनी का पक्ष जानने के लिए हमने आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क करने की कोशिश भी की लेकिन वह नंबर बद था.
क्या है कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड?
यह कंपनी मूलरूप से गुजरात के अहमदाबाद की है. सड़क निर्माण के अलावा, रियल एस्टेट, पावर सेक्टर, वाटर और वेस्टवाटर सेक्टर और सिंचाई के क्षेत्र में भी काम कर रही है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या के अलावा उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में भी इस कंपनी के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. कंपनी के बारे में बताया गया है कि साल 1996 में सिर्फ 5 लाख रुपये की लागत से इसे गणेशभाई पटेल ने शुरू किया था. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि उसने देशभर में 35 से ज्यादा प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं.
कहां-कहां किया काम?
इस कंपनी ने गुजरात के गांधी नगर में सीवर कलेक्शन नेटवर्क तैयार किया, गिफ्ट सिटी में बाउंड्री वॉल बनाई, गुजरात के बनासकांठा जिले में लैंडफिल साइट तैयार की, बेंगलुरु में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया. इस कंपनी ने अपने ज्यादातर काम गुजरात में ही किए हैं. मौजूदा समय में इस कंपनी के पास उत्तराखंड में बांसबागर से मणिधामी तक सड़क बनाने के काम है. इसके अलावा, यूपी के कानपुर में सीवर प्रोजेक्ट भी इसी कंपनी को मिला है.