विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता - मुख्यमंत्री यादव

Bhopal- टी.आई.टी एक्सीलेंस कॉलेज, भोपाल में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा ‘विद्यालयों में बच्चों के ड्रॉपआउट कम करने’ विषय पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता है और इस ध्येय की प्राप्ति हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि ‘हमारी संस्कृति बहुत उदार है। हम जियो और जीने दो के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं। हम सबके शुभ की कामना करते हैं। जब हम समग्र की बात करते हैं तो बालक को हम परामत्मा का आशीर्वाद मानते हैं। और शिक्षा के महत्व को भी हम सब स्वीकार करते हैं। हमारे यहाँ तो श्री राम श्री कृष्ण ने भी गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण की है। हमारे यहाँ कुर्सी से बड़ी शिक्षा है। शिक्षा से व्यक्ति का समग्र विकास होता है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे जीवन को सही दिशा देता है। शिक्षा में दक्ष व्यक्ति अगर सेना भी रखेगा को उसका दुरुपयोग नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ‘हमारे प्रधानमंत्री भी बच्चों की शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण की ये पहल बहुत सार्थक है और हम सब मिलकर प्रयास करेंगे कि एक भी बच्चा स्कूल से ड्रॉपआउट न हो।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार बहुत गंभीर है और उन्हें समुचित शिक्षा के अवसर मिले इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का बयान
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत में शिक्षा को संस्कार मना जाता है। शिक्षा को बच्चे के पुनर्वास से जोड़ना चाहिए। 2014 में एक बड़ी शुरुआत भारत मे हुई थी। पीएम मोदी ने भारत का नेतृत्व किया, पीएम मोदी ने शिक्षा में अन्य राज्यों में भाषा की रुकावट खत्म की।