इंदौर ।   भारतीय सेना के जवान के शरीर में अब इंदौर से भेजा गया दिल धड़केगा। यह दिल सोमवार सुबह करीब 8.50 बजे जुपिटर विशेष अस्पताल से ग्रीन कारिडोर बनाकर एयरपोर्ट भेजा गया। वहां पहले ही से तैयार सेना के विशेष विमान से इसे पुणे भेजा गया। दिल लेने के लिए कार्डियक सर्जन कर्नल डा. सौरभसिंह की नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम रविवार देर रात ही इंदौर पहुंच गई थी। सोमवार सुबह 9.50 बजे जुपिटर अस्पताल से दूसरा ग्रीन कारिडोर चोइथराम अस्पताल के लिए और तीसरा ग्रीन कारिडोर बाम्बे अस्पताल के लिए बनाया गया। इस वर्ष जनवरी में यह तीसरा मौका है जब ग्रीन कारिडोर बनाकर किसी ब्रेन डेथ व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपण के लिए भेजे गए।

पुणे से आई थी 8 सदस्यीय टीम

उज्जैन के शुभम पैलेस निवासी आलू प्याज व्यवसायी 34 वर्षीय प्रदीप आसवानी 20 जनवरी 2023 मध्य रात्रि हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हो गए थे। उन्हें उज्जैन के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में वहां से इंदौर के जुपिटर विशेष अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। यहां उपचार दौरान ही डाक्टरों ने मरीज के स्वजन को बता दिया था कि मरीज की ब्रेन डेथ होने की आशंका है। इसके बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बागानी और संदीपन आर्य ने मरीज की माताजी कविता, बहन मनीषा रंगलानी, छोटे भाई चिराग आसवानी की काउंसलिंग कर उन्हें अंगदान के महत्व के बारे में बताया। स्वजन की स्वीकृति के बाद 28 जनवरी को रात्रि 11.55 बजे चार डाक्टरों की पैनल ने पहली बार और रविवार शाम 6.15 बजे दूसरी बार मरीज की ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण कर मरीज को ब्रेन डेथ घोषित किया। एमजीएम मेडिकल कालेज डीन और इंदौर सोसायटी फार आर्गन डोनेशन के सचिव डा. संजय दीक्षित ने बताया कि अंगो का आवंटन वरीयता सूची के अनुसार किया गया। लीवर विशेष जुपिटर अस्पताल में ही भर्ती एक मरीज को, हृदय एआइसीटीसी पुणे में भर्ती मरीज के लिए, एक किडनी चोईथराम अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए, दूसरी किडनी बाम्बे अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए आवंटित की गई। दिवंगत के नेत्रदान शंकरा आई बैंक की टीम द्वारा प्राप्त किया गया।

परिवार का धन्यवाद किया

मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य ने बताया कि प्रदीप आसवानी का दिल पुणे ले जाने के लिए कार्डियक सर्जन कर्नल डा.सौरभ सिंह के नेतृत्व में विशेष विमान रविवार रात ही इंदौर पहुंच गया था। विशेष जुपिटर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. सीएस पंडित, डा. भाविक शाह आदि के साथ सांसद शंकर लालवानी भी इस मामले में सतत संपर्क में रहे। अंगदान के दौरान लालवानी और डीन डा. दीक्षित ने आसवानी परिवार से मुलाकात कर उनका आभार माना।

जनवरी में तीसरी बार बना ग्रीन कारिडोर

इंदौर सोसायटी फार आर्गन डोनेशन के गठन के बाद यह 48वां मौका है जब ग्रीन कारिडोर बनाकर किसी ब्रेन डेथ व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपण के लिए भेजे गए हैं। इस वर्ष जनवरी में यह तीसरा मौका है जब किसी ब्रेन डेथ व्यक्ति के अंग दान किए गए हैं। इस माह में इसके पहले विनीता जी खजांची और चंद्रभूषण सिंह के अंगदान हो चुके हैं। जनवरी में अब तक 70 नेत्रदान (140 कार्निया), 10 त्वचादान और तीन देहदान भी इंदौर में हो चुके हैं।

150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने संभाली व्यवस्था

ग्रीन कारिडोर बनाने में स्थानीय ट्रैफिक पुलिस, सीआइएसएफ एवं एयरपोर्ट अथारिटी ने आपसी समन्वय किया। महेश चंद्र जैन, अरविंद तिवारी के नेतृत्व में यातायात पुलिस के 150 पुलिसकर्मियों ने ग्रीन कारिडोर के दौरान यातायात व्यवस्था संभाली।