शिक्षा के तीन उद्देश्य -ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना
राजधानी भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान में आज विद्या भारती द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर आयोजित ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह भाग लेने पहुंचे और कार्यक्रम को संबोधित किया। सुघोष दर्शन कार्यक्रम कें दौरान सीएम शिवराज ने तिरंगा फहराया और नेता जी सुभाष चंद्र जी बोस की प्रतिमा पर पुष्प समर्पित किए। कार्यक्रम के दौरान छोटो—छोटे बच्चों ने घोष वादन कर सभी का मनमोह लिया। सीएम शिवराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं-ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना है। मैं प्रसन्नता के साथ यह कह रहा हूं कि विघाभारती अपने प्रारंभिक काल से ही इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि कर्णप्रिय सुघोष देशभक्ति के भाव भर रहा था। सुघोष रचना, सुदर्शन, स्वास्तिक तथा ॐ की अद्भुत रचना देख मन अद्भुत आनंद और प्रसन्नता से भर गया।
मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा कि आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है। हम सब जानते हैं कि अंग्रेजों ने भारत को चांदी की तश्तरी में आजादी भेंट नहीं की थी। आजादी के लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपने खून की अंतिम बूंद दी थी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने विदेशों में भी जाकर आजाद हिंद फौज बनाई। सबसे पहले आजाद हिंद फौज ने ही भारत की पवित्र धरती पर तिरंगा फहराया था। मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके उनका ऋण चुकाया है। आजादी की लड़ाई में कई क्रांतिकारी ऐसे थे, जिन्होंने अपने रक्त से भारत भूमि को रंगा था, तब भारत को आजादी मिली थी। मैं बधाई देता हूं कि आजादी के अमृतकाल के अवसर पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम आयोजित किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन एवं कार्यक्रम ओल्ड कैंपियन खेल मैदान पर आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान पथ संचलन ओल्ड कैंपियन स्कूल से महावीर द्वार होते हुए सुभाष स्कूल तक निकाला जावेगा।
1500 छात्रों ने किया घोष वादन
आयोजित हो रहे कार्यक्रम में मध्यभारत प्रांत के सरस्वती शिशु मन्दिरों की 75 घोष इकाइयों के 1500 छात्र-छात्राएं घोष वादन के लिए पहुंचे है। घोष दल का सामूहिक प्रदर्शन शहर में पहली बार हो रहा है। कार्यक्रम में 7000 हजार लोगों की बैठक व्यवस्था की गई है। सुघोष दर्शन कार्यक्रम के लिए बच्चों द्वारा एक दिन पहले रिहर्सल शुरू कर दी थी।